मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) को लेकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के कोर ग्रुप के नेताओं के साथ पहली बैठक में 100 से ज्यादा सीटों पर एक नाम तय कर लिए हैं। बाकी सीटों पर नाम तय करने के लिए कोर ग्रुप की एक बैठक और होगी। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 16 अक्टूबर को होगी, जिसमें महाराष्ट्र व झारखंड के लिए पहली सूची जारी की जाएगी। पार्टी ने संकेत दिए हैं कि दोनों राज्य में दोनों सहयोगी दलों के साथ सम्मानजनक सीटों के बंटवारे का काम पूरा हो गया है और जल्द इसकी घोषणा की जाएगी।
170 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है पार्टी
लगभग चार घंटे चली बैठक में पार्टी ने सभी 288 सीटों का जिक्र किया, जिनमें सहयोगी दलों को दी जाने वाली सीटों का भी उल्लेख था, लेकिन चर्चा केवल पार्टी ने अपनी सीटों को लेकर ही की है। भाजपा के पिछली बार 105 विधायक जीते थे। कुछ विधायक बाद में पार्टी में शामिल हुए। इन सीटों में पार्टी ने अधिकांश पर एक नाम तय कर लिए हैं। पिछली बार 164 सीट पर चुनाव लड़ी भाजपा इस बार लगभग 170 सीट पर चुनाव लड़ सकती है। बैठक में महाराष्ट्र के क्षेत्रवार सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों पर भी चर्चा की गई। किस क्षेत्र में कौन प्रभावी है और किस क्षेत्र की राजनीति किस तरह की सामाजिक स्थितियों को लिए हुए है, इसका भी आकलन किया गया।
सत्ता विरोधी माहौल से निपटने की रणनीति
सूत्रों के अनुसार, भाजपा विदर्भ, मुंबई और उत्तर महाराष्ट्र के अधिकतर सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेगी, जबकि शिवसेना मराठवाड़ा, कोंकण और उत्तर महाराष्ट्र की सीटों पर अपना जोर लगाएगी। अजीत पवार की एनसीपी भी मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र में ज्यादा सीट पर लड़ेगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा अपने दोनों सहयोगी दलों शिवसेना शिंदे और अजीत पवार की एनसीपी को भी उनकी मांग के अनुसार सीटें देगी हालांकि, इसमें कुछ कम ज्यादा हो सकती है। सभी दल मोटे तौर पर सीट बंटवारे पर सहमत हो गए हैं और कुछ सीटों की आपस में अदला-बदली भी की जाएगी। क्योंकि सत्ता विरोधी माहौल के चलते कई सीटें बदलकर लड़ने से ही पार्टी फायदे में रहेगी।
मिलकर चुनाव लड़ेंगे
भाजपा नेता ने यह दावा भी किया है कि अब कोई भी सहयोगी दल इधर-उधर नहीं जाएगा और सभी मिलकर चुनाव मैदान में एक साथ उतरेंगे। बैठक में सामाजिक समीकरणों पर भी चर्चा हुई। पार्टी ने यह संकेत भी दिए हैं कि जिन सांसदों को लोकसभा में टिकट नहीं दिया गया था, उनको विधानसभा चुनाव लड़ाने की संभावना न के बराबर है। पार्टी का जोर नए चेहरों पर और मजबूत उम्मीदवारों पर है ताकि जीत का आंकड़ा बरकरार रखा जा सके। सूत्रों के अनुसार, शिवसेना नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री एनसीपी नेता अजीत पवार भी दिल्ली आ सकते हैं। वह गृहमंत्री अमित शाह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे सकते हैं।
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