img-fluid

महाराष्ट्र विधानसभा से 12 विधायकों के निलंबन पर SC ने उठाए सवाल, कहा- यह लोकतंत्र के लिए खतरा

January 19, 2022

नई दिल्‍ली । महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) से 12 भाजपा विधायकों (BJP MLA) को एक साल के निलंबन के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि यह निर्णय लोकतंत्र के लिए खतरा है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य के वकील ए सुंदरम से सत्र की अवधि से आगे निलंबन की तार्किकता के बारे में कड़े सवाल किए। पीठ ने कहा, जब आप कहते हैं कि कार्रवाई तर्कसंगत होनी चाहिए, तो वहां निलंबन का कुछ उद्देश्य होना चाहिए और निलंबन उस सत्र से आगे नहीं जाना चाहिए।

पीठ ने कहा कि निलंबन के पीछे कोई वाजिब और ठोस कारण होना चाहिए। पीठ ने कहा, एक वर्ष के लिए निलंबन का निर्णय तर्कहीन है क्योंकि संबंधित निर्वाचन क्षेत्र को छह महीने से अधिक समय के लिए प्रतिनिधित्व से वंचित नहीं किया जा सकता। हम संसदीय कानून की भावना के बारे में बात कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि जहां एक स्थान खाली होता है, वहां चुनाव होता है। निलंबन के मामले में चुनाव नहीं हो सकता, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को निष्कासित कर दिया जाता है तो चुनाव करवाया जाएगा। यह लोकतंत्र के लिए एक और खतरा है।


… तो लोकतंत्र का भाग्य क्या होगा
मान लिया जाए कि किसी दल को मामूली बहुमत है और 15-20 विधायकों को निलंबित कर दिया जाए तो लोकतंत्र का भाग्य क्या होगा? पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक साल का निलंबन ‘निष्कासन से भी बदतर’ है क्योंकि उन निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ही नहीं रह गया है। इस पर बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।

दागी उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि न बताने वाले दलों से संबंधित याचिका सुनेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कहा कि वह उस याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा जिसमें चुनाव आयोग को उन राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है जो चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं करते। याचिका भाजपा नेता व वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है।

उपाध्याय ने चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसे सुनवाई के लिए जल्द सूचीबद्ध की जाए। उपाध्याय ने कहा, प्रथम चरण के मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है और राजनीतिक दल व उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व आदेशों का खुला उल्लंघन कर रहे हैं।

चीफ जस्टिस ने कहा, हम विचार करेंगे। हम आपको तारीख देंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दागी उम्मीदवारों को टिकट देने वाले दलों के लिए अपनी वेबसाइटों पर उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का खुलासा करने के अलावा इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया में इसका विवरण देना जरूरी है।

Share:

गोवा के लिए आज अरविंद केजरीवाल करेंगे आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार का एलान

Wed Jan 19 , 2022
नई दिल्‍ली । आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Elections) को लेकर कमर कस ली है। पंजाब में सीएम पद के उम्मीदवार के नाम का एलान करने के बाद आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (National Convenor Arvind Kejriwal ) बुधवार (19 जनवरी) को गोवा में पार्टी की तरफ […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved