मुंबई। शिवसेना (Shiv Sena) के तीन बागी विधायकों (rebel MLAs) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र (Maharashtra) के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने नक्सलियों की धमकी (Threats of Naxalites) के बावजूद एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था। हालांकि ठाकरे गुट ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है।
एकनाथ शिंदे को धमकी भरा पत्र मिला था
एकनाथ शिंदे जो फिलहाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं, उद्धव ठाकरे सरकार में वो शहरी विकास मंत्री होने के अलावा नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली के लिए अभिभावक मंत्री भी थे। पुलिस के अनुसार, फरवरी 2022 में गढ़चिरौली में पुलिस कार्रवाई में 26 नक्सलियों के मारे जाने के दो महीने बाद, उन्हें एक धमकी भरा पत्र मिला था।
नक्सली शिंदे को मारने के लिए मुंबई आए थे
शिवसेना के दो विधायक और शिंदे गुट के नेता सुसाह कांडे और पूर्व गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) शंभूराज देसाई ने एक न्यूज चैनल को बताया कि नक्सलियों की धमकी के बावजूद ठाकरे ने निर्देश दिया था कि शिंदे की सुरक्षा को अपग्रेड नहीं किया जाए। शिंदे गुट के नेता सुसाह कांडे ने दावा किया कि पुलिस ने ठाकरे और तत्कालीन गृह मंत्री (राकांपा के दिलीप वलसे-पाटिल) को सूचित किया था कि नक्सली शिंदे को मारने के लिए मुंबई आए थे।
हिंदुत्व विरोधी लोगों को सुरक्षा दी गई
कांडे ने आगे बताया कि धमकी के बावजूद उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की गई। हिंदुत्व विरोधी लोगों को सुरक्षा दी गई, फिर हिंदुत्व नेता को क्यों नहीं? देसाई ने उसी टीवी चैनल को बताया कि उन्हें ठाकरे का फोन आया कि क्या गृह विभाग ने शिंदे की सुरक्षा बढ़ाने के बारे में कोई बैठक की है। उन्होंने दावा किया, मैंने उद्धव ठाकरे से कहा कि उस दिन एक बैठक हो रही थी। मुझे स्पष्ट निर्देश दिए गए थे सुरक्षा में सुधार नहीं किया जा सकता है।
कांग्रेस नेता सतेज पाटिल, जो ठाकरे सरकार में गृह मंत्री (शहरी) थे, ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति तय करती है कि किसे किस श्रेणी की सुरक्षा मिलनी चाहिए, और गृह मंत्री या यहां तक कि मुख्यमंत्री भी इसमें हस्तक्षेप नहीं करते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved