मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly elections) से पहले डिप्टी सीएम (Deputy CM) और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) (अजित पवार गुट) के प्रमुख अजित पवार (Ajit Pawar) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पछतावा जताते हुए कहा है कि घर तोड़ना एक गलती थी और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है। अजित पवार ने गढ़चिरौली में एक रैली में बोलते हुए कहा कि समाज कभी भी इसे (परिवार तोड़ना) स्वीकार नहीं करता। बता दें कि पिछले साल अजित पवार ने एनसीपी (NCP) के कई विधायकों के साथ अलग गुट बना लिया था और महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार को राज्य का दूसरा डिप्टी सीएम बनाया गया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा ने शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था। हालांकि, सुनेत्रा जीत नहीं सकी थीं।
गढ़चिरौली में पार्टी की रैली में अजित पवार, भाग्यश्री आत्राम हलगेकर के शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से हाथ मिलाने के फैसले को लेकर बोल रहे थे। भाग्यश्री का मुकाबला उनके पिता धर्मरावबाबा आत्राम से होने की उम्मीद है, जो खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री और अजित पवार गुट के नेता हैं। अजित पवार ने पिता के खिलाफ चुनाव लड़कर पार्टी को न तोड़ने के लिए उन्हें मनाने की असफल कोशिश की। अजित पवार ने कहा, “आपको अपने पिता के साथ रहना चाहिए। कोई भी बेटी को उसके पिता से ज्यादा प्यार नहीं कर सकता। आप जो कर रही हैं, वह अपने ही परिवार को तोड़ने का प्रयास है। यह अच्छा नहीं है। समाज इसे कभी स्वीकार नहीं करता। मैंने इसका अनुभव किया है। मैंने अपनी गलती स्वीकार कर ली है।”
पिता आत्राम के खिलाफ चुनाव लड़ सकती है बेटी
आत्राम गढ़चिरौली जिले के अहेरी से विधायक हैं और पिछले साल जुलाई में पार्टी में हुए विभाजन के बाद उन्होंने अजित पवार के साथ जाने का फैसला किया था। वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के नौ मंत्रियों में से एक हैं। भाग्यश्री आत्राम हलगेकर ने कथित तौर पर अपने पिता के खिलाफ शरद पवार गुट से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पिछले महीने अजित पवार ने भी अपनी पत्नी सुनेत्रा को सुप्रिया सुले के खिलाफ लड़वाने को गलती बताया था। इसके अलावा, वे हाल के समय में शरद पवार की भी तारीफ कर रहे हैं और अपनी पार्टी के नेताओं को शरद पवार के खिलाफ आलोचना से बचने के लिए कहा है। हालांकि, पार्टी नेताओं का मानना है कि यह अजित पवार गुट की रणनीति है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में शरद पवार की आलोचना करना अजित पवार और उनकी पार्टी को महंगा पड़ा है।
अजित पवार के बयान पर क्या बोला विपक्ष
अजित पवार के बयान के बाद विपक्ष ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि यह उन्हें पार्टी तोड़ने से पहले ही समझ लेना चाहिए था। महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने कहा, “अगर उन्होंने सही समय पर यह बात समझ ली होती, तो शरद पवार की अगुआई वाली एनसीपी चुनाव में शक्तिशाली होती।” इसके अलावा एनसीपी (शरद पवार गुट) नेता जितेंद्र अह्वाड ने कहा, “गहरी जड़ें जमाए बैठी पार्टी के दाग दिखाई दे रहे हैं।” एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि इस पर अपना रुख स्पष्ट करने की स्थिति में वे ही होंगे। फिलहाल वे महायुति के साथ मजबूती से खड़े हैं।
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