मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले दिवंगत एनसीपी नेता (NCP Leader) बाबा सिद्दीकी (Baba Siddiqui) के बेटे जीशान सिद्दीकी (zeeshan siddiqui) ने अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी जॉइन कर ली है. जीशान सिद्दीकी वर्तमान में बांद्रा पूर्व सीट से कांग्रेस के विधायक हैं और इस बार के चुनाव में एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. महा विकास अघाड़ी में शामिल शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने बांद्रा पूर्व से वरुण देसाई को टिकट दिया है.
‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह वाली एनसीपी जॉइन करते ही अजित पवार ने जीशान को उन्हीं की सीट बांद्रा पूर्व से टिकट दे दिया. इसके अलावा इसके अलावा इस्लामपुर से निशिकांत पाटिल, तासगांव-कवठे महाकाल से संजयकाका रामचंद्र पाटिल, अणुशक्ती नगर से सना मलिक, वडगाव शेरी से सुनील टिंगरे, शिरुर से ज्ञानेश्वर (माउली) कटके और लोहा से प्रताप पाटिल को टिकट दिया गया है.
बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं जीशान
बता दें कि जीशान दिवंगत एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं. वह मुंबई युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और बांद्रा पूर्व विधानसभा सीट से विधायक हैं. उनके पिता बाबा सिद्दीकी की दशहरा की रात मुंबई के बांद्रा इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. क्राइम ब्रांच ने बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो शूटर और हथियार सप्लायर भी शामिल हैं.
शिवसेना (यूबीटी) ने जारी की उम्मीदवारों की सूची
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने गुरुवार को उम्मीदवारों की एक सूची जारी कर दी. उद्धव ठाकरे की पार्टी ने 65 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में उद्धव की पार्टी ने ठाकरे परिवार की एक रवायत तोड़ दी है. उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे के खिलाफ भी उम्मीदवार उतार दिया है.
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होगा चुनाव
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. पिछले चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. हालांकि, चुनाव के बाद शिवसेना एनडीए से अलग हो गई और उसने एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने.
जून 2022 में शिवसेना में आंतरिक कलह हो गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ दिया. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए. अब शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है. शरद पवार की एनसीपी भी दो गुट- शरद पवार और अजित पवार में बंट गई है.
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