इंदौर (Indore)। पूर्वांचल के लोगों का सबसे बड़ा पर्व छठ महापर्व 5 नवंबर से होगा। इसकी तैयारियों के लिए शहर में बसे पूर्वांचल निवासी जुट गए हैं। शहर के विभिन्न घाटों की सफाई शुरू हो चुकी है। साथ ही घरों में भी महिलाओं ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। घरों में छठी मैया के पारंपरिक लोकगीत गूंज रहे हैं। शहर की विभिन्न छठ पूजा आयोजन समितियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित घाटों की सफाई और रंग-रोगन का काम शुरू कर दिया है। चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय-खाय से होगी। 6 नवंबर को खरना, 7 नवंबर को व्रतधारी संध्या अघ्र्य देंगे।
वहीं महापर्व का समापन 8 नवंबर को प्रात: उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के साथ होगा। पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीशसिंह ने बताया कि इस साल 150 से ज्यादा स्थानों पर छठी मैया को अघ्र्य दिया जाएगा। प्रमुख आयोजन स्कीम नंबर 54, 78, बाणगंगा, सुखलिया, श्याम नगर, तुलसी नगर, समर पार्क, अमृत पैलेस, पीपल्याहाना तालाब, कैट रोड, कालानी नगर, एरोड्रम रोड, सिलिकॉन सिटी, देवास नाका, निपानिया, राऊ, पीथमपुर में होगा। पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान ने सरकार से मांग की है कि सांध्य अघ्र्य के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। साथ ही इंदौर जिला प्रशासन और नगर निगम से निवेदन किया है कि शहर में पीपल्याहाना तालाब, निपानिया तालाब, खजराना, सिरपुर और पीपल्यापाला तालाबों पर भव्य छठ घाटों का निर्माण किया जाए।
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