प्रयागराज. सपा मुखिया (SP chief) अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के ‘मठाधीश और माफिया (‘Mathadhis and Mafia’) में कोई फर्क नहीं होता’ वाले बयान पर साधु-संतों (Sadhus and Saints) में नाराजगी है. अखिलेश का ये बयान सीएम योगी (CM Yogi) पर निशाना साधते हुए आया था. बीते दिनों जहां अयोध्या (Ayodhya) के संतों ने इसको लेकर विरोध-प्रदर्शन किया वहीं अब प्रयागराज में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी (Mahamandleshwar Kailashanand Giri ) महाराज ने इसपर प्रतिक्रिया दी है. स्वामी कैलाशानंद गिरी जी ने अखिलेश के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए और संतों से माफी मांगनी चाहिए.
बकौल स्वामी कैलाशानंद- अखिलेश यादव को थोड़ा यश मिला है, इस यश को बनाए रखें. उन्हें सोच समझकर बोलना चाहिए. अपने बयान के लिए अखिलेश को संतों से माफी मांगनी चाहिए. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो क्या बोल रहे हैं. मठों का इतिहास है, उसपर टिप्पणी करना सनातन परंपरा पर टिप्पणी करना है, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. बस मेरी यही सलाह है.
वहीं, स्वामी कैलाशानंद ने महाकुंभ के शाही स्नान के नाम (पेशवाई) को बदलने के लेकर भी रिएक्ट किया. उन्होंने कहा कि नाम बदलना चाहिए, सांस्कृतिक परंपराओं, धार्मिक परंपराओं की तरह नाम होना चाहिए. इस बार सभी अखाड़ा बैठकर इस पर निर्णय लेंगे. सभी सधु-संत का मत है कि नाम का संशोधन होना चाहिए. इसमें किसी भी राजनीतिक दल को कोई एतराज भी नहीं होना चाहिए.
इसके अलावा महामंडलेश्वर ने कुंभ में फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की. उन्होंने दो टूक कहा कि इस बार कुंभ में जो भी फर्जी बाबा मिलेंगे उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
वहीं, हिमाचल और उत्तराखंड में अवैध मजारों व मस्जिदों के मुद्दों पर महामंडलेश्वर ने कहा कि ये दोनों राज्य देव भूमि हैं और यहां पर इस तरह से अवैध निर्माण करना, सनातन पर आक्रमण है. इसके साथ ही वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार के पास सूचना है कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति का दुरुपयोग हो रहा है, तो इसलिए सरकार को इसपर कानून बनाने का पूरा हक है. कानूनी प्रक्रिया का किसी को विरोध नहीं करना चाहिए.
गौरतलब हो कि अखिलेश यादव के ‘मठाधीश’ वाले बयान पर प्रदेश के साधु-संत नाराज हो गए हैं. संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 से पहले अखिलेश के ‘मठाधीश और माफिया’ वाले बयान पर अखाड़ों ने कड़ी नाराज़गी जताई है. श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के महंतों ने अखिलेश के इस बयान की निंदा की है साथ ही चेतावनी दी है कि वे अपने इस बयान पर संत समाज से माफी मांगें. इससे पहले अयोध्या में कुछ संतों में सरयू में खड़े होकर अखिलेश का विरोध किया था.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved