आज कार्तिक अमावस्या दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से लगेगी और कल शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगी
इंदौर। अयोध्या (Ayodhya) के राजा प्रभु श्रीराम (King Lord Shri Ram) के 14 वर्ष के वनवास (Exile) से लौटने की खुशी और अंधकार पर प्रकाश की विजय का महापर्व दीपावली (Diwali the great festival) आज धूमधाम और उल्लास से मनाया जा रहा है।
पर्व पर पूजन कार्तिक मास अमावस्या तिथि को रात्रि में ही किया जाता है। आज अमावस्या 3 बजकर 52 मिनट पर प्रारम्भ हो रही है। दिवाली इस बार बहुत ही खास मानी जा रही है। इसकी वजह ये है कि आज शुक्र-गुरु की युति से समसप्तक योग बन रहा है। इसके साथ ही शनि अपनी ही स्वराशि कुंभ में विराजमान रहकर राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार देवताओं ने दानवों की मदद से समुद्र मंथन किया था। मंथन से न केवल अमृत की प्राप्ति हुई, बल्कि धन की देवी मां लक्ष्मी भी पुन: अवतरित हुईं। देवता अमृतपान कर अमर हो गए। वहीं, लक्ष्मी की कृपा से स्वर्ग में पुन: सुख, सौभाग्य और ऐश्वर्य लौट आया। इसके लिए हर वर्ष कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाती है। पुराणों के अनुसार दिवाली पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा अमावस्या व्यापिनी तिथि और प्रदोष काल में करने की मान्यता है। 31 अक्टूबर को प्रदोष काल की शुरुआत शाम 5 बजकर 36 मिनट से होगी, जबकि इसका समापन शाम 8 बजकर 11 मिनट पर होगा। इसी शुभ और सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में महालक्ष्मी पूजन करना श्रेष्ठ रहेगा। दीपावली पर्व पर खासा उत्साह देखा जा रहा है। घर-घर में महालक्ष्मी पूजन की जोरदार तैयारियां की गई हैं। रात होते ही सारा शहर रोशनी में जगमग हो जाएगा।
यह है महालक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त
शुभ का चौघडिय़ा- सायं 4.20 से 5.43 तक
अमृत का चौघडिय़ा – सूर्यास्त से 7.20 तक
चर का चौघडिय़ा – 7.20 से 8.57 तक
वृषभ लग्न – सायं 6.35 से 8.32 तक
सिंह लग्न – रात्रि 01.05 से 3.21 तक
सर्वश्रेष्ठ प्रदोष काल – 5.42 से 8.18 तक
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved