लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा है कि विरासत के बिना विकास संभव नहीं है। पर, भारत (India) की विरासत की चर्चा करने वाले व्यक्तियों को कुछ लोग धौंस-धमकी दे रहे हैं। इन्हीं लोगों ने कुम्भ की आध्यात्मिक व सामाजिक विरासत को भगदड़ व अराजकता का पर्याय बना दिया था। उन्होंने न्यायमूर्ति शेखर यादव (Justice Shekhar Yadav) का नाम लिए बगैर कहा कि एक न्यायमूर्ति ने सच कहा तो उन्हें कठघरे में खड़ा किया गया। सच बोलने वालों को धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ (Mahakumbh) यूपी की आर्थिक समृद्धि (UP’s economic prosperity) के रोडमैप को आगे बढ़ाने में मार्गदर्शक होगा।
मुख्यमंत्री ने ये बातें रविवार को ‘हिन्दुस्तान दिव्य महाकुम्भ- 2025’ सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर कहीं। इस मौके पर ‘हिन्दुस्तान’ के प्रधान संपादक शशि शेखर ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शेखर यादव ने विहिप के लीगल सेल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि कठमुल्ला देश के लिए घातक हैं। इसके साथ ही कहा था कि हिन्दुस्तान देश के बहुसंख्यकों के हिसाब से चलेगा। शेखर यादव के बयान का विपक्षी दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। महाभियोग की भी तैयारी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी शेखर यादव के बयान का संज्ञान लिया और हाईकोर्ट से ब्योरा तलब किया है।
सेक्युलर शब्द संविधान में जबरन शामिल करने वाले पाखंड कर रहे
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को आईना दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ को भारत का सबसे प्राचीन ग्रंथ मानने वाले लोग भारत का ठेका लिए घूमते हैं। 9 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय ने श्रीराम जन्मभूमि से संबंधित फैसला दिया। उसके बाद विवाद तो खत्म हो गया। अब न हिंदुओं को परेशानी है न मुसलमानों को लेकिन तथाकथित सेक्युलर लोगों को इससे बहुत परेशानी है। ये लोग आज भी जज को धमकी देते हैं। सच कहने के कारण इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति को कठघरे में खड़ा किया गया। यही लोग अब संविधान के नाम पर देश के सामने पाखंड कर रहे हैं। राज्यसभा के सभापति (उपराष्ट्रपति) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनकी आवाज को दबाना चाहते हैं। निष्पक्ष चुनाव कराने के कारण चुनाव आयोग को भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
संभल में नरसंहार करने वालों को सजा क्यों नहीं मिली
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हम हैं कि कुम्भ की परंपरा को सुरक्षा, स्वच्छता व सुव्यवस्था के साथ जोड़ा। प्रयागराज महाकुम्भ को आस्था व आधुनिकता का महासंगम बनाने की तैयारियां चल रही हैं। मुख्यमंत्री ने संभल में मिले प्राचीन मंदिर व 46 साल पहले हुए नरसंहार का जिक्र करते हुए सवाल किया कि 46 वर्ष पहले जिन दरिंदों ने संभल के अंदर नरसंहार किया था, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली।
कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्ही के समय में 46 वर्ष पहले संभल में जिस मंदिर को बंद कर दिया गया, वह मंदिर फिर से सबके सामने आ गया। संभल में जिनकी निर्मम हत्या हुई, उन निर्दोषों का क्या कसूर था। जो भी सच बोलेगा, उसे धमकी दी जाएगी, मुंह बंद कराने का प्रयास होगा। यही लोग कुम्भ के बारे में भी दुष्प्रचार का कुत्सित प्रयास करेंगे।
जस्टिस शेखर यादव ने क्या कहा था
जस्टिस शेखर यादव ने अपने संबोधन में कहा, ‘मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि हिन्दुस्तान देश के बहुसंख्यकों के हिसाब से चलेगा। यह कानून है। मैं यह बात हाईकोर्ट के जज के तौर पर नहीं बोल रहा। आप अपने परिवार या समाज को ही लीजिए कि जो बात ज्यादा लोगों को मंजूर होती है, उसे ही स्वीकार किया जाता है। लेकिन जो कठमुल्ला हैं, जिसे कह लीजिए आप, शब्द गलत है। लेकिन कहने में गुरेज नहीं है, क्योंकि वह देश के लिए घातक हैं। देश के लिए घातक है। जनता को भड़काने वाले लोग हैं। देश आगे न बढ़े, इस प्रकार के लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है।’
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