उज्जैन। शनि प्रदोष के महासंयोग (Maha coincidence of Shani Pradosh) पर महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में भगवान के विशेष पूजन-अर्चन और रुद्राभिषेक की जानकारी देते हुए महाकालेश्वर मंदिर के पंडित महेश पुजारी (Pandit Mahesh Pujari) ने बताया कि वर्ष में तीन से चार बार शनि प्रदोष का विशेष संयोग आता है। शनिवार को सर्वप्रथम कोटि तीर्थ कुंड स्थित कोटेश्वर महादेव (Koteshwar Mahadev) की पूजा अर्चना की गई।
उसके बाद 11 पंडितों द्वारा गर्भगृह में बाबा महाकाल का एकादशी-एकादशनी रुद्राभिषेक पाठ के द्वारा अभिषेक पूजन मंदिर के पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व मे किया गया। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष को बाबा महाकाल भी व्रत रखते हैं। इसीलिए सुबह की आरती के समय बाबा महाकाल को शक्कर का भोग लगाया गया था, जिसके पश्चात भगवान का विशेष पूजन-अर्चन होने के बाद शाम को सांध्य आरती में बाबा महाकाल को पकवानों का भोग लगाया गया।
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