उज्जैन। उज्जैन की महाकाल मंदिर समिति (Mahakal Temple Committee of Ujjain) ने पिछले तीन दिन में शीघ्र दर्शन व्यवस्था (early visit system) में अचानक दो बड़े बदलाव किए हैं। इसके कारण श्रद्धालु परेशान (Devotees upset) हो रहे हैं। पहले प्रवेश द्वार की सड़क रोकी गई और अब 250 रुपये वाली ऑफलाइन प्रवेश रसीद बंद कर दी गई है।
इन दिनों महाकाल मंदिर अधिकारियों (mahakal temple officials) के लिए प्रयोगशाला बन गया है। शीघ्र दर्शन 250 वाली रसीद व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई है। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने ऑफलाइन प्रवेश रसीद सुविधा बंद कर दी है और केवल ऑनलाइन व्यवस्था लागू कर दी है। शनिवार को श्रद्धालु शीघ्र दर्शन रसीद के लिए काउंटर पर पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि यह अनुमति अब ऑफलाइन नहीं दी जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन रसीद बनवानी होगी।
इस बारे में महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया, शीघ्र दर्शन प्रवेश द्वार का मार्ग बदलने और शीघ्र दर्शन रसीद व्यवस्था को ऑफलाइन के स्थान पर ऑनलाइन करने का निर्णय श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए, मंदिर समिति ने लिया है। यह व्यवस्था लागू की गई है। महाकाल में प्रवेश की व्यवस्था सभी श्रद्धालुओं के लिए चारधाम मंदिर की ओर से होना है, इस कारण मार्ग रोका गया है।
शीघ्र दर्शन व्यवस्था को ऑनलाइन किए जाने के बाद दर्शनार्थियों की लंबी कतार लग गई। इसके पीछे का कारण यह था कि महाकाल मंदिर का सर्वर चल नहीं रहा था। ऐसे में कम्प्यूटर से रसीद जारी करने में देरी हो रही थी, जिससे दर्शनार्थी परेशान हो रहे थे और उनमें आक्रोश बढ़ रहा था। श्रद्धालुओं का कहना था कि एक तरफ जहां पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव पुराण कथा सुनने लाखों लोग आए हुए हैं तो दूसरी तरफ वे बाबा के दर्शन को भी आतुर हैं। लेकिन मंदिर प्रबंध समिति द्वारा आए दिन व्यवस्थाओं में बदलाव के चलते दर्शनार्थियों को सुलभ दर्शन कराने की बजाय परेशान किया जा रहा है।
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