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    महाकाल में इस तरह विकास हो रहा है कि प्राचीन पेड़ बचे रहें

  • May 04, 2023

    • पुराने पेड़ों को पूरी तरह सुरक्षित किया-खुदाई के दौरान परिसर के पेड़ों के समाप्त होने का खतरा था लेकिन उन्हें बचाया गया-आकर्षक स्वरूप देेंगे

    उज्जैन। महाकाल मंदिर परिसर में द्वितीय चरण के निर्माण कार्य के चलते मंदिर परिसर में लगभग 100 फीट से भी अधिक नीचे खुदाई की गई है और नीचे टनल सहित श्रद्धालुओं के लिए वेटिंग रुम और भव्य द्वार बनाया जाएगा जिसका निर्माण कार्य जोरों पर है, लेकिन मंदिर परिसर के अंदर पूर्व से कई प्राचीन हरे भरे वृक्ष हैं जिनमें पीपल-बड़ और अन्य वृक्ष थे। मंदिर परिसर की जब खुदाई की गई तो कई हरे-भरे वृक्षों के टूटने का खतरा पूरी तरह बना हुआ था लेकिन नई तकनीक का प्रयोग करते हुए इन पेड़ों के आसपास गोल गुंबद उठाए गए और बीच में से पेड़ों को सुरक्षित करते हुए उन्हें अपने स्थान पर ही खड़ा किया गया। आधा दर्जन से अधिक यह पेड़ और इनके आसपास बनाए गए गोल गुंबद मंदिर परिसर के संपूर्ण कार्य के बाद एक कलाकृति के रूप में उभरकर आएंगे।



    महाकाल क्षेत्र में निर्माण के दौरान सुविधा घर तोड़े, श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी, वाटर कूलर भी हटाए
    महाकाल मंदिर में दूसरे फेज का निर्माण कार्य शुरू हो गया है और टनल से लेकर पीछे की तरफ शिखर दर्शन के लिए रेम्प बनाए जाने का काम तेजी से चल रहा है लेकिन इन निर्माण कार्यों के चलते मंदिर के पीछे स्थित शौचालय को हटा दिया गया है और जहाँ पर भी पेयजल के लिए वाटर कूलर लगे थे वो भी हटा दिए हैं। मंदिर में दर्शन के लिए लाईन में लगे श्रद्धालुओं को दो घंटे इंतजार करना पड़ता है और इस दौरान सुविधाघर के अभाव में वे तड़प उठते हैं। महाकाल मंदिर में आम श्रद्धालुओं की खासी फजीहत हो रही है। ढाई सौ रुपए में दर्शन करने वाले तो टिकिट कटाने के बाद तेजी से मंदिर में दर्शन कर बाहर हो जाते हैं लेकिन आम श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुँचने में दो से ढाई घंटे का समय लग जाता है। भारत माता मंदिर के बाहर से ही आगे बढऩे के लिए इन्हें तपती धूप में खड़ा होना पड़ रहा है, इसके बाद जैसे-तैसे अंदर पहुँच पाते हैं तो अंदर ही एक घंटे से अधिक समय तक लाईन में खड़ा रहना पड़ता है, इसके बाद मंदिर के समीप आने के बाद फिर आधे घंटे से ज्यादा समय लाईन में खड़े-खड़े श्रद्धालुओं की हालत खराब हो जाती है और न तो पीने को पानी मिल पा रहा है और न ही सुविधाघर की व्यवस्था है। कई श्रद्धालु सुविधाघर के अभाव में तड़पते इधर-उधर भागते नजर आते हैं। यहाँ के पुजारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शौचालय का इंतजाम नहीं है।

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