उज्जैन। एक मार्च को महाशिवरात्रि पर्व पर महाकाल दर्शन के लिए इस बार 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आने का अनुमान है। इसे देखते हुए मंदिर समिति ने पर्व पर दर्शन व्यवस्था की रूपरेखा तैयार की है। इसके तहत महाशिवरात्रि वाले दिन आम तथा 250 रुपए शुल्क देकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए 3 कतार बनाई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इस दिन श्रद्धालुओं को एक घंटे में महाकाल दर्शन कराए जाएँगे। महाशिवरात्रि पर्व पर इस बार महाकाल दर्शन के साथ-साथ मंदिर समिति को दीपोत्सव पर्व की व्यवस्थाएँ भी देखनी पड़ रही है। एक मार्च को महाशिवरात्रि पर्व है तथा उसके अगले दिन दो मार्च को भगवान महाकाल का सेहरा सजाया जाएगा। यही कारण है कि कल देर रात से ही महाकाल मंदिर के पट खुल जाएँगे और लगातार 44 घंटे श्रद्धालु महाकाल दर्शन कर सकेंगे। कल देर रात पट खुलने के बाद यह मंगलवार की रात 11 बजे बंद होंगे।
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि महाशिवरात्रि पर आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम के कारण इस बार महाकाल में लगभग 2 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसे देखते हुए ही दर्शन व्यवस्था निर्धारित की गई है। इसके तहत चारधाम मंदिर के सामने बेरिकेट्स लगाए जाएँगे और यहीं से श्रद्धालुओं की तीन लाईनें शुरु की जाएगी। दो लाईनों में आम श्रद्धालुओं की कतारें लगेंगी जबकि तीसरी लाईन में शीघ्र दर्शन पास वाले श्रद्धालुओं को लगाया जाएगा। सामान्य दर्शनार्थी मंदिर के शंख द्वार से अंदर प्रवेश करेंगे, जबकि शीघ्र दर्शन टिकिट वाले दर्शनार्थियों को 4 नंबर गेट से प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा प्रोटोकाल के अंतर्गत आने वाले लोगों तथा वीआईपी को मंदिर प्रशासक कार्यालय के पास से मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा। दर्शन व्यवस्था में इस बार यह प्रयास रहेंगे कि श्रद्धालुओं को एक घंटे में दर्शन हो सके। चारधाम मंदिर के पास ही गंगा गार्डन में श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क जूता स्टैण्ड की व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा लड्डू प्रसादी के काउंटर भी आसपास लगाए जाएँगे। इधर मंदिर में अभी चल रहे शिव नवरात्रि पर्व के कारण लड्डू प्रसादी की रोजाना लगभग 25 क्विंटल की माँग हो रही है। महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर मंदिर समिति ने एक दिन में 100 क्विंटल लड्डू प्रसादी की खपत होने का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही चिंतामण स्थित लड्डू निर्माण यूनिट में अभी से महाशिवरात्रि पर्व के लिए लड्डू प्रसादी का अतिरिक्त स्टाक तैयार कराया जा रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved