उज्जैन। श्रावण-भादौ मास के बाद महाकाल लोक आने वाले भक्तों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन अब विधानसभा चुनाव निपटने के बाद फिर भक्तों की संख्या बढ़ रही है। वहीं 25 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश शुरू हो जाएँगे और फिर लाखों श्रद्धालु महाकालेश्वर दर्शन के लिए आने लगेंगे लेकिन इसके पहले ही प्रोटोकॉल दर्शन का कोटा फुल होने लगा है।
उल्लेखनीय है कि महाकाल लोक का लोकार्पण पिछले वर्ष 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। सनातन संस्कृति के साथ धार्मिक गाथाओं की कलाकृति को समेटे महाकाल लोक को देखनेे देशभर से भक्तों का रूख धार्मिक नगरी की ओर हो गया था। सालभर तक सैलाब दिखाई दिया था लेकिन दीपावली तथा उसके बाद विधानसभा चुनाव के चलते भक्तों की संख्या में कमी आ रही थी। अब एक बार फिर महाकाल लोक में भक्तों की संख्या बढ़ती दिखाई दे रही है। प्रतिदिन 30 से 40 हजार भक्तों का पहुँचना शुरू हो गया है। आज से 17 दिन बाद 25 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश की शुरूआत होने पर भक्तों की संख्या लाखों में होने का अनुमान लगाया जा रहा है। पिछले एक साल में करोड़ों भक्त देश-विदेश से यहाँ पहुँचे थे। प्रतिदिन डेढ़ से 2 लाख भक्तों की संख्या महाकालेश्वर की नगरी में दिखाई दे रही थी। महाकाल लोक जाने वाले मार्गों पर पैर रखने की जगह तक नहीं मिल पा रही थी। महाकाल क्षेत्र में रोजगार, व्यवसाय क्या अवसर बढ़ गए थे। वहीं अब यह सिलसिला एक फिर से शुरू होता नजर आने लगा है। इधर विधानसभा चुनाव निपटने के बाद महाकालेश्वर मंदिर में प्रोटोकॉल के अंतर्गत आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या अचानक बढ़ गई है और आचार संहिता हटने के बाद से महाकाल में रोजाना करीब 350 लोग प्रोटोकॉल से दर्शन कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि महाकाल लोक बनने के बाद पहली बार श्रावण-भादौ मास में सबसे अधिक व्यवसाय होटल वालों का चमका था। बाहर से आने वाले भक्तों को ठहरने की जगह नहीं मिल पा रही थी। लोगों ने अपने घरों को व्यवसाय का साधन बना लिया था लेकिन इसके बाद से होटल व्यवसाय ठप्प पड़ गया था। विधानसभा चुनाव के दौरान तथा आचार संहिता के चलते भी सिर्फ महाकाल मंदिर के आसपास की होटलों में बुकिंग हो रही थी। एक बार फिर से भक्तों की संख्या बढऩे पर होटल का व्यवसाय करने वालों के चेहरे पर चमक आने लगी है। महाकाल मंदिर के आसपास 2 से 3 किलोमीटर के क्षेत्र में हर घर होटल बना हुआ है।
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