उज्जैन। महाशिवरात्रि के अवसर पर 33 घंटे पहले शुक्रवार रात 2.30 बजे से महाकाल मंदिर के पट खोल दिए गए थे।
इस दौरान आज सुबह साढ़े 10 बजे तक 9 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन कर लिए इसके बाद श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश रोक दिया गया। क्योंकि दोपहर 12 बजे से भस्मारती होगी। इससे पहले रात 12 बजे से गर्भगृह में महानिशाकाल की पूजा चली। तड़के साढ़े 4 बजे से भगवान महाकाल को सवा मन फल फूलों का सेहरा सजाया गया। महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर इस बार महाकाल दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं। महाशिवरात्रि पर शुक्रवार रात 2.30 बजे से ही महाकाल मंदिर के पट खोल दिए गए थे और कल सुबह साढ़े 4 बजे से भस्मारती के बाद महाकाल दर्शन का सिलसिला शुरु हो गया था। कल दिनभर भी महाकाल में भक्तों की भीड़ उमड़ती रही। कल रात 11 बजे तक 8 लाख से ज्यादा श्रद्धालु महाकाल दर्शन कर चुके थे। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद भी दर्शनों का सिलसिला चलता रहा और आज सुबह तक यह आंकड़ा संभवत: 9 लाख के पार जा चुका है। इधर बीती रात महा शिवरात्रि पर रात 12 बजे जिला प्रशासन की ओर से की गई पूजा के बाद महानिशाकाल की पूजा मंदिर के गर्भगृह में पुजारियों द्वारा शुरु कर दी गई थी। पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि यह पूजा आज तड़के 4 बजे तक चली। इसके बाद भगवान को विधिवत स्नान कराया गया तथा उन्हें दूल्हा स्वरूप में सजाने की प्रक्रिया शुरु हुई। भगवान महाकाल को आज तड़के सवा मन फल फूल और सप्तधान्य का सेहरा सजाया गया। उन्हें आभूषण और वस्त्र धारण कराए गए। इसके बाद सुबह साढ़े 4 बजे से सेहरा दर्शन का क्रम शुरु हो गया।
वर्ष में एक बार दोपहर में होती है भस्मारती
आज दोपहर में भगवान महाकाल की भस्मारती होगी, इस कारण आज सुबह साढ़े 10 बजे से मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया है और दोपहर की भस्मारती पूर्ण होने के बाद दो बजे बाद फिर से आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन व्यवस्था शुरु कर दी जाएगी। इसके बाद आज रात 11 बजे तक सतत दर्शनों का सिलसिला चलता रहेगा। भस्मारती में प्रवेश के लिए खूब मारा मारी मची।
आज भी लगी लंबी कतारें..नीचे कारपेट और ऊपर शेड
महा शिवरात्रि वाले दिन की तरह आज सुबह से ही भगवान महाकाल के सेहरा दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालुओं को चारधाम मंदिर के सामने तैयार किए गए बेरिकेट्स की अलग-अलग लेन से ही दर्शन हेतु प्रवेश दिया जा रहा है। इधर जैसे ही सुबह साढ़े 10 बजे मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोका गया तो उस दौरान भी कतारों में हजारों श्रद्धालु लगे हुए थे। बाहर से काफी संख्या में लोग आए हैं और लोग दर्शनों को बेताब हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बैरिकेट्स में नीचे कारपेट और ऊपर शेड लगाए गए हैं।
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