उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण से लेकर शाही सवारी मार्ग आज दुल्हन की तरह सज गया है और वहाँ की छटा अलग ही है। शाही सवारी में भी आम भक्तों को प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी। इसका सीधा प्रसारण ही लोग देख पाएंगे।
वर्षों पुरानी परम्परा के अनुसार आज भगवान महाकाल की अंतिम सवारी शाही सवारी के रूप में महाकाल मंदिर प्रांगण से दोपहर साढ़े 3 बजे पालकी पूजन के उपरांत शुरू होगी। शाही सवारी में जहाँ एक ओर चांदी की पालकी में चंद्रमोलेश्वर विराजमान रहेंगे, वहीं हाथी पर मनमहेश स्वरूप रहेगा। इसके अलावा भगवान महाकाल के पाँच मुखारविंद अलग-अलग रथों पर सवार रहेंगे। इनमें शिव तांडव, उमा महेश, घटाटोप, सप्तधान्य तथा होल्कर स्वरूप शामिल रहेंगे। शाही सवारी को लेकर पिछले 3-4 दिनों से मंदिर समिति और प्रशासन तैयारी कर रहा था। यही कारण है कि आज सुबह से महाकाल मंदिर के गर्भगृह से लेकर पूरा मंदिर प्रांगण फूलों से सजा नजर आ रहा है। इतना ही नहीं महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर शाही सवारी मार्ग को भी दुल्हन की तरह सजाया गया है। मार्ग में रेड कार्पेट बिछाए गए हैं और दोनों ओर रंग बिरंगी छतरियाँ, ध्वज आदि से मार्ग को सजाया गया है। शाही सवारी सभा मंडप से पालकी पूजन पश्चात मुख्य द्वार से होती हुई बाहर आएगी तथा यहाँ से बड़े गणेश मंदिर से होकर नृसिंहघाट मार्ग होते हुए रामघाट पहुँचेगी। यहां शिप्रा के जल से महाकाल का पूजन अर्चन होगा और सवारी रामानुजकोट से होती हुई हरसिद्धि की पाल होकर महाकाल की ओर बढ़ेगी। हरसिद्धि मंदिर के ठीक सामने जब पालकी पहुंचेगी तो आज फिर शिव और शक्ति का समागम होगा। इस अद्भुत दृश्य को श्रद्धालु आज भी कोरोना के कारण सीधे नहीं देख पाएंगे लेकिन विभिन्न माध्यमों के जरिये सीधे प्रसारण से सवारी के दर्शन कर पाएंगे।
हर वर्ष सोमवती अमावस्या पर हजारों लोग स्नान के लिए जुटते हैं लेकिन कोरोना के कारण पिछले 2 सालों से सोमवती और शनिचरी अमावस्या पर प्रतिबंध लगा था लेकिन कल प्रशासन ने यह प्रतिबंध हटा दिया। इसी को देखते हुए नगर निगम ने सोम कुंड पर साफ-सफाई और पुताई की तथा आसपास चेंजिंग रूम एवं पेयजल आदि की व्यवस्था जुटाई। कल दोपहर में कलेक्टर ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की थी कि वह घर पर ही रहे। कोरोना को देखते हुए वह स्नान करने नहीं आए। शायद इसी अपील के कारण आज ग्रामीणों की कम भीड़ जुटी। सुबह 10 बजे तक सोम कुंड पर मात्र 20 से 25 लोग स्नान कर रहे थे, वहीं रामघाट पर भी रोज की तरह सामान्य स्थिति थी। यहाँ पर भी 500 से 700 लोग घाट पर जुटे हुए थे। इधर आज शाही सवारी में निकलने वाली है और भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने व्यवस्था की थी। आज ऐसी स्थिति नहीं बनी है। हालांकि 10 बजे के बाद श्रद्धालुओं के पहुँचने का क्रम जारी था, हो सकता है दिन में थोड़ी भीड़ हो जाए।
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