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काशी, मथुरा और बरसाने की तर्ज पर सीहोर में महादेव की होली

March 15, 2025

सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी होली के दूसरे दिन देश भर में प्रसिद्ध महादेव की होली (Famous Mahadev’s Holi) की धूम शहर में देखने को मिली। हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से आए आस्थावन श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह के साथ अबीर-गुलाल उड़ाते नजर आए। काशी, मथुरा और बरसाने की तर्ज पर सीहोर (Sehore) में महादेव की होली में शामिल होने के लिए दो दिन पूर्व ही हजारों की संख्या में कुबेरेश्वरधाम पर श्रद्धालु पहुंचे थे। शहरवासियों ने भी शनिवार को आस्था और उत्साह के साथ महादेव की होली का पर्व मनाया।

महादेव की होली चल समारोह में अघोरी और आदिवासी भी शामिल हुए। इस दौरान आदिवासी नृत्य व झांकियां आकर्षण का केंद्र रही। चल समारोह का जगह-जगह स्वागत कर स्वलपाहार कराया गया। अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के संदेश के बाद होली का उत्साह देखने को मिला। शहर के महादेव मंदिरों में जमकर होली खेली गई। महादेव होली के चल समारोह में कुबेरेश्वरधाम पर बनाए जाने वाले मंदिर की झांकी के अलावा होली खेलते देवी-देवताओं की झांकी आदि शामिल थी। इस अवसर पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हर शिव मंदिर में श्रद्धालु जाएं और पानी में केसरिया रंग, अष्टगंध घोलकर या चंदन-हल्दी घोलकर शिव को स्नान कराएं, जो रंग आपस में लगाएंगे, वही महादेव की होली है।

हर साल की तरह इस साल भी होली के दूसरे दिन देश भर में प्रसिद्ध पांच दिवसीय महादेव की होली की धूम शहर में देखने को मिली। इस दौरान वर्षों से चली आ रही नवाबी होली की जड़ों को समाप्त करने हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से आए आस्थावन श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह के साथ होली खेली और अबीर-गुलाल के उड़ते बादलों से अंबर रंगीन हो गया और सड़कों पर गुलाल जमा रहा।


शनिवार सुबह हर साल की तरह इस साल भी नदी चौराहा नगर पालिका परिसर स्थित चमत्कालेश्वर महादेव मंदिर से महादेव की होली का जुलूस नगर में धूमधाम से ढोल-नगाडों एवं डीजे की धुनों के मध्य निकाला गया। भव्य चल समारोह में शिव भक्त नाचते-गाते एवं रंग-गुलाल उड़ाते चल रहे थे।

सुबह चमत्कालेश्वर महादेव मंदिर में पहुंचे भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने सैकड़ों भक्तों के मध्य भगवान शिव को चंदन और केसर से युक्त एक लोटा जल अर्पित किया और उसके पश्चात नगर के अनेक शिव मंदिर पहुंचे। महादेव की होली का भव्य जुलूस शहर के मुख्य बाजारों से होते हुए तहसील चौराहे स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर पहुंचा। जुलूस के दौरान हुरियारे डीजे, ढोल-नगाड़ों और बैंड बाजों की थाप पर नाचते गाते चल रहे थे।

विठलेश सेवा समिति के समीर शुक्ला और पंडित विनय मिश्रा द्वारा महादेव की होली के लिए वाहनों पर चार से अधिक आधुनिक मशीनों का इंतजाम किया गया था, करीब एक हजार क्विंटल से अधिक अबीर, गुलाल और फूलों को मशीन में डालकर आस्थावन श्रद्धालुओं पर बरसाया गया। हर तरफ अबीर गुलाल ही उड़ता हुआ दिखाई दिया, बाबा के भक्त अबीर गुलाल में रंगे नजर आए, महिलाओं ने होली के दौरान फूल और गुलाल-अबीर बरसाकर उन्हें होली के रस से सराबोर कर दिया। महादेव की होली में गुलाल और अबीर उड़ाने के लिए मशीन के अलावा, महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और जबलपुर के अघोरियों की टीम शामिल हुई है। इसके अलावा झांकियां और झाबुआ आदि के नृत्य कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।

अपने गृहनगर सीहोर में इंटरनेशनल कथावाचक पंडित मिश्रा भी होली के रंग में रंगे नजर आए। उन्होंने न केवल खूब होली खेली, बल्कि यहां की एक नवाबी परंपरा भी बदल दी। इतना ही नहीं, होली पर पंडित प्रदीप मिश्रा बेहद स्टाइलिश लुक में दिखे। होली के इस मौके पर पंडित प्रदीप मिश्रा अनूठे अंदाज में दिखे। उन्होंने सिर पर स्टाइलिश साफा बांधा था जबकि आंखों पर ब्लेक सनग्लास पहन रखा था।

देश के पर्व और परम्पराओं में उत्साह का संचार करने के लिए सनातन धर्म को जन-जन तक पहुंचाने वाले धरती पुत्र भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के संदेश के बाद एक बार फिर से होली का उत्साह देखने को मिला है और शहर के महादेव मंदिरों में जमकर होली खेली। अब आगामी 17 मार्च को आष्टा में होली का पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाएगा।

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