छिंदवाड़ा: भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने 2019 के लोकसभा चुनाव (2019 Lok Sabha elections) में मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटें जीत ली थीं. तब कांग्रेस के टिकट पर उम्मीदवार रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) जैसे दिग्गज नेता गुना का अपना गढ़ भी नहीं बचा सके थे लेकिन सूबे की एक सीट ऐसी भी थी जहां बीजेपी को शिकस्त का सामना करना पड़ा था. वह सीट थी छिंदवाड़ा. कमलनाथ की परंपरागत सीट (Kamalnath’s traditional seat) से कांग्रेस के टिकट पर उतरे उनके पुत्र नकुलनाथ (Nakulnath) चुनावी बाजी जीतकर लोकसभा पहुंचने में सफल रहे थे. हाल के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस छिंदवाड़ा जिले की सभी विधानसभा सीटें जीतने में सफल रही थी.
विधानसभा चुनाव नतीजों के तुरंत बाद से ही बीजेपी छिंदवाड़ा जीतने के लिए आक्रामक रणनीति के साथ काम कर रही है. नतीजों के तुरंत बाद ही तब के निवर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान छिंदवाड़ा पहुंच गए थे. शिवराज ने तब कहा था कि हम लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट जीतकर मोदीजी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को मध्य प्रदेश से 29 सीटों की माला पहनाएंगे. तब से अब तक छिंदवाड़ा में कई कद्दावर नेता, बड़ी तादाद में कार्यकर्ता कांग्रेस के हाथ का साथ छोड़ चुके हैं.
बीजेपी ने यह सीट जीतने के लिए कैलाश विजयवर्गीय जैसे दिग्गज को जिम्मेदारी सौंपी है तो वहीं सीएम मोहन यादव भी लगातार छिंदवाड़ा के दौरे कर रहे हैं. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के खिलाफ उम्मीदवार रहे विवेक बंटी साहू को ही छिंदवाड़ा सीट से लोकसभा चुनाव में भी उम्मीदवार बनाया है.
मध्य प्रदेश में किसी एक सीट के लिए महा सियासी जंग चल रही है तो वह छिंदवाड़ा है. कमलनाथ भी हवा का रुख समझ रहे हैं और शायद यही वजह है कि वह चुनाव प्रचार के दौरान इमोशनल कार्ड खेलते भी नजर आए. कमलनाथ ने 28 फरवरी को छिंदवाड़ा की हर्रई विधानसभा क्षेत्र के चांद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आप कमलनाथ को विदा करना चाहते हैं तो यह आपकी मर्जी है. मैं आप पर अपने आपको थोपना नहीं चाहता. बीजेपी बहुत मजबूती से आक्रामक प्रचार कर रही है लेकिन डरिएगा मत. अब सवाल यह है कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ की जड़ें हिलाने के लिए बीजेपी क्या-क्या कर रही है?
बीजेपी ने छिंदवाड़ा जीतने के लिए कांग्रेस के ऐसे नेताओं को पार्टी में लाने पर फोकस कर दिया है जो जनता के बीच अच्छा प्रभाव रखते हैं. बीजेपी का जोर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने पाले में लाने पर भी है. पार्टी को लगता है कि इससे कांग्रेस का संगठन जमीन पर कमजोर पड़ेगा और बीजेपी को मनोवैज्ञानिक बढ़त मिल सकेगी.
बीजेपी ने कांग्रेस के 50 हजार कार्यकर्ताओं को पार्टी में लाने का लक्ष्य रखा है. फोकस केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं के लाभार्थियों पर भी है. छिंदवाड़ा में फ्री राशन योजना के 16 लाख लाभार्थी हैं और आयुष्मान कार्ड धारकों की तादाद भी 14 लाख है. एमपी बीजेपी के नेता यह उम्मीद भी जाहिर कर रहे हैं कि अगर लाभार्थी वर्ग वोटर के रूप में तब्दील हुआ तो कमलनाथ का किला भेदा जा सकता है.
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