प्रयागराज: प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj Maha Kumbh) का समापन अब नजदीक है. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) में महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व में भीड़ प्रबंधन को लेकर 25 फरवरी से ही मेला क्षेत्र और शहर में नो-व्हीकल जोन लागू (No-vehicle zone implemented) कर दिया गया है. साथ ही पूरे शहर में भारी पुलिसबल की तैनाती की गई है. महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व पर 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम आने का प्रशासन का अनुमान है.
मेला पुलिस के अनुसार, 25 फरवरी 2025 को मेला क्षेत्र को सुबह 4:00 बजे से नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है, जबकि प्रयागराज कमिश्नरेट को शाम 6:00 बजे से नो-व्हीकल जोन बनाया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि सभी से अनुरोध किया गया है कि वे इस व्यवस्था को बनाए रखने में मदद करें. क्राउड मैनेजमेंट को सुचारु रखने के लिए सभी से अपील की गई है कि वे एंट्री के सबसे समीप के घाट पर ही स्नान करें.
महाकुंभ प्रशासन ने चारों दिशाओं से आ रहे श्रद्धालुओं के आधार पर स्नान का प्लान बनाया है. दक्षिणी झूसी से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार ऐरावत घाट पर स्नान कर सकेंगे. उत्तरी झूसी की ओर से आने वाले श्रद्धालु संगम हरिश्चंद्र घाट और संगम ओल्ड जीटी घाट पर नहाएंगे. इसी तरह परेड से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार भरद्वाज घाट पर स्नान करे सकेंगे. संगम द्वार से आने वाले नागवासुकि घाट,संगम द्वार मोरी घाट, संगम द्वार काली घाट, संगम द्वार रामघाट, संगम द्वार हनुमान घाट पर स्नान करेंगे. अरैल से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार अरैल घाट पर स्नान करेंगे.
दवाइयां, दूध, सब्जी, एंबुलेंस जैसी जरूरत की सामग्रियां लाने वाली गाड़ियां और सरकारी कर्मचारियों (डॉक्टर, पुलिस, प्रशासन) के वाहनों पर कोई रोक-टोक नहीं होगी. 26 फरवरी 2025 को महाकुंभ पर्व का समापन महाशिवरात्रि के साथ होगा. श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे शीघ्रता से समीप घाट पर स्नान और शिवालय में दर्शन कर अपने गंतव्य को प्रस्थान करें.
दिशा-निर्देशों में ये भी बताया कि सभी पाण्टून पुलों का संचालन भीड़ के दबाव के अनुसार किया जाएगा. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि सभी घाटों को संगम के सामान मान्यता प्राप्त है, इसलिए श्रद्धालु निकटस्थ घाट पर स्नान कर यातायात और भीड़ प्रबंधनमेंसहयोगकरें.
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