नई दिल्ली (New Delhi) । माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा (Magh Purnima ) के नाम से जाना जाता है. पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा के बीच माघ स्नान किया जाता है. माघ पूर्णिमा के दिन सभी सरोवरों, तीर्थस्थानों, नदियों अथवा घर पर ही शुद्धता पूर्वक स्नान करने की महत्ता बताई गई है. माघ पूर्णिमा पर अनेक तीर्थ स्थानों के तटों पर मेलों का आयोजन किया जाता है. धार्मिक और आध्यात्मिक (religious and spiritual) दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. इस साल माघ पूर्णिमा 05 फरवरी को मनाई जाएगी.
मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन प्रयागराज (Prayagraj) के त्रिवेणी संगम पर स्नान करने से 10000 अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है. माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जागकर गंगा, नर्मदा और यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप से मुक्ति मिलती है. इस दिन दान, पुण्य, रोगियों (virtue, patients) की सेवा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. माघ पूर्णिमा के दिन भक्ति करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा की शुरुआत 04 फरवरी 2023, शनिवार को रात 09 बजकर 29 मिनट पर होगी और इसका समापन 05 फरवरी, रविवार को रात 11 बजकर 58 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, माघ पूर्णिमा 05 फरवरी को ही मनाई जाएगी.
माघ पूर्णिमा का महत्व
माघ पूर्णिमा का महत्व का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है. माना जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन देवता रूप बदलकर पृथ्वी पर गंगा स्नान के लिए प्रयागराज आते हैं. जो कोई भी श्रद्धालु प्रयागराज में एक महीने तक कल्पवास करते हैं वह माघ पूर्णिमा के दिन ही इसका समापन करते हैं. कल्पवास करने वाले सभी श्रद्धालु माघ पूर्णिमा के दिन गंगा मैया की पूजा अर्चना करते हैं. इसके बाद साधु-संतों और ब्राह्मणों को आदर पूर्वक भोजन कराते हैं. ऐसी मान्यता है कि, जो कोई भी व्यक्ति माघ पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करता है उसके जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही वो व्यक्ति रोगों और बीमारियां से भी मुक्त हो जाता है.
पूजा विधि-
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है. आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं. नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें.
नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.
पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है.
इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें.
भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है.
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें.
माघ पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय
1. माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और उन्हें प्रणाम करें.
2. इसके बाद इस मंत्र का 108 बार जाप करें. मंत्र: ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’.
3. माघ पूर्णिमा व्रत का संकल्प लें और काले तिल से अपने पितरों का तर्पण करें और फिर हवन करें.
4. माघ पूर्णिमा व्रत के दौरान किसी से झूठ बोलने, किसी पर क्रोध करने किसी के बारे में अप शब्द बोलने से बचें.
5. अपने पितरों का ध्यान करें और ध्यान करते हुए अपने सामर्थ्य अनुसार दान दें.
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए उद्देश्य से पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.
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