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सरकारी बंद खदानों पर माफिया का राज

June 01, 2022

  • नर्मदा-तवा के तट-खदान रास्तों को बंद करने के बाद भी, हो रही रेत की चोरी

भोपाल। प्रदेश के सबसे अधिक खनिज राजस्व देने वाले नर्मदापुरम जिले में खदानों का मसला सुलझ ही नहीं पा रहा। बीते अक्टूबर माह से बंद चल रही ठेके की 118 वैध खदानें मई माह बीतने को है, इसके बाद भी चालू नहीं हो सकी है।
इन सरकारी खदानों पर माफिया राज कर रहे। खुलेआम और अंधाधुंध खनन कर लाखों रुपए की काली कमाई जुटा रहे, लेकिन शासन-प्रशासन को अपनी खदानों को चालू कर वैध खनन और परिवहन शुरू कराकर रेत खनिज राजस्व को फिर से अर्जित करने की सुध ही नहीं है। ठेका कंपनी आरकेटीसी को बंद खदान अवधि के दौरान अब तक करीब डेढ़ सौ करोड़ का नुकसान हो चुका है, जबकि खनिज निगम-विभाग के पास कंपनी का 70 करोड़ रुपए एडवांस में पेड रॉयल्टी के रूप में जमा है। बता दें कि ठेका कंपनी ने खदानें निरस्त करने के बाद हाईकोर्ट में प्रकरण लगाया हुआ है। जिसमें शासन-विभाग अपना पक्ष ही मजबूती से नहीं नहीं रख पा रहा है। मसला सुलझ ही नहीं पा रहा। अगली सुनवाई 6 जुलाई तय की गई है। समूचे रेत काराबोर ठप्प पड़ा हुआ है। वैध खदानों में खनन-परिवहन के बंद रहने से शासन को भी आर्थिक आय का घाटा उठाना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ नर्मदा-तवा नदी के इन बंद खदानों में इन दिनों रेत माफिया का राज चल रहा। अवैध कारोबारी डंपर और टै्रक्टर-ट्रॉलियों से तट-खदानों सेअंधाधुंध अवैध खनन कर रेत की चोरी कर रहे हैं, जबकि कुछ जगहों पर खदानों के रास्तों को भी जेबीसी से खुदवाकर बंद कराया गया था।



अक्टूबर 2021 से बंद पड़ी खदानें
जिले की ठेके की सभी वैध रेत खदानें बीते अक्टूबर 2021 से बंद पड़ी हुई है। रायल्टी के ईटीपी को लॉक कर दिया गया था। तब से लेकर अब तक खुद ठेका कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हो चुका है। यह ठेका आरकेटीसी कंपनी छग ने करीब 262 करोड़ रुपए में लिया था।

अभी स्पष्ट नहीं खदानें कब चालू होंगी
हाईकोर्ट में प्रकरण के विचाराधीन चलने के कारण अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वैध खदानें चालू होंगी या नहीं। कोर्ट ने शासन-विभाग से रिप्लाई फाइल करने के आदेश दिए थे, लेकिन यह छह माह बीतने के बाद भी जमा नहीं किया जा सका है। साथ ही जब तक फाइनल निर्णय नहीं हो जाता तब तक एनआईटी जारी नहीं करने के भी निर्देश दिए गए हैं। शासन-विभाग ने आरकेटीसी कंपनी के ठेके को निरस्त करने के बाद से लेकर अब तक दो बार री-टेंडर भी निकाले थे, लेकिन कोर्ट ने इस पर अंतिम निर्णय होने तक रोक लगा दी थी। खदानों की नई नीलामी फिलहाल नहीं की जा सकेगी।

बंद खदानों का फायदा रेत माफिया उठा रहे
ठेका कंपनी और विभाग के बीच चल रही कोर्ट की लड़ाई और खदानों के लगातार बंद चलने के कारण इसका फायदा रेत माफिया उठा रहा है। नर्मदा नदी के डोंगरवाड़ा, करबला-खर्राघाट, बांद्राभान, रायपुर, निमसाडिय़ा सहित इटारसी, सिवनीमालवा सहित अन्य तटीय इलाकों में अवैध कारोबारी दिन-रात रेत की चोरी कर रहे हैं। अवैध खनन-परिवहन जारी है।

इनका कहना है…
हाईकोर्ट ने खदानों की नई नीलामी पर रोक लगाई हुई है। इस वजह से अंतिम निर्णय आने तक नए टेंडर नहीं हो सकेंगे। अगली सुनवाई 6 जुलाई 2022 तय की गई है। इसके बाद ही खदानों के संबंध में कोर्ट व शासन के दिशा-निर्देश पर प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर नर्मदापुरम

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