सिरोंज। तहसील की एकमात्र नदी केथन को रेत माफिया रात दिन छलनी करने में लगे हुए हैं। केतन नदी के झागर एवं ढिमरौली घाट पर से रोजाना सैकड़ों ट्राली रेत अवैध रूप से पनडुब्बी के माध्यम से निकाली जा रही है। नदियों में अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। हमने जब इस मुद्दे को लेकर जिला खनिज अधिकारी मेहताब सिंह रावत से बात की तो उन्होंने बताया वहां रेत नकालने परमिशन है, लेकिन पनडुब्बी के माध्यम से यदि रेत निकाल रहे हैं तो कार्रवाई करेंगे। यह समझ से परे है की आखिर कार्रवाई कब करेंगे जबकि खुलेआम पनडुब्बी के माध्यम से लगातार रेत निकालने का काम जारी है। जिससे केथन नदी के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक रेत के इस अवैध कारोबार में तहसील के अलावा बाहरी जिले के लोगों का खेल चल रहा है, जो दिन और रात रेत का अवैध कारोबार चला रहे है। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर रेत खनन का विरोध भी किया जाता है तो उन्हें दबंग और नेताओं द्वारा न केवल धौंस देकर डराया जाता है बल्कि बंदूक का डर और नेतागिरी का पावर दिखाया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर शासन प्रशासन से मदद मांग भी ले तो उन्हें किसी का सहारा नहीं मिलता। इससे ग्रामीण भी काफी डरे हुए महसूस कर रहे है। वहीं ग्रामीण देवीसिंह रघुवंशी का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है यदि 2 दिन के अंदर प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो ग्रामीण चक्का जाम एवं उग्र आंदोलन करेंगे।
अधिकारी दे रहे संरक्षण –
इन दिनों सिरोंज क्षेत्र में अवैध खनन और परिवहन के नाम पर अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। क्षेत्र में कहीं पर भी माफिया खुलेआम अवैध खनन व परिवहन कर रहे हैं, जिसे रोकने वाला कोई नहीं है। जानकारों की मानें तो अधिकांश मामलों में खनिज विभाग की मूक सहमति व प्रशासन की अनदेखी है। खनन माफिया खुलेआम खनिज संपदा का दोहन कर रहे हैं और जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे। वही कभी कबार प्रशासनिक अधिकारी छोटी मोटी कार्रवाई कर खूब बाप भाई लूटने का काम करते हैं। ग्रामीण बृजेंद्र अहिरवार ने बताया कि इस मामले में ग्रामीणों ने कई बार खनिज और प्रशासन के अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली। कार्रवाई न होने से माफियाओं के हौंसले बुलंद है और जमकर मनमानी जारी है।
सवालों में खनिज विभाग की कार्यप्रणाली
तहसील में रेत, मुरम, गिट्टी, मिट्टी सहित अन्य खनिज संपदा के मनमाने दोहन को रोकने, मानकों के अनुसार ही खदान स्वीकृत करने व माफियाओं पर शिकंजा कसने मैं नाकाम साबित हो रहा है। क्योंकि विभाग के जिम्मेदार सिर्फ रस्मअदायगी कर रहे हैं। वरिष्ठ समाजसेवी अल्ताफ खान का कहना है कि जिला खनिज अधिकारी मेहताब सिंह को अवैध खनन, परिवहन से कोई सरोकार नहीं हैं। सिर्फ कागजी कोरम पूरा किया जा रहा है। रेत माफिया खुलेआम नदियों का सीना छलनी कर रहे हैं, खनिज संपदा लुट रही है। सत्ता और विपक्ष के लोग भी इसओर ध्यान नहीं दे रहे।
कथनी और करनी में अंतर
प्रशासन की नाक के नीचे अवैध कारोबार जोरों पर है, अधिकारी सत्ताधारी नेताओं को खुला संरक्षण दे रहे हैं। एक तरफ मुख्यमंत्री न्याय की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उनके ही जिम्मेदार अवैध कारोबारियों को बढ़ावा दे रहे हैं। इसी को करनी और कथनी में अंतर कहते हैं।
रिंकी राजकुमारी रघुवंशी, पूर्व जनपद सदस्य
रटे रटाया जवाब कार्यवाही करेंगे
हमने जांच कराई है वहां पर परमिशन है लेकिन यदि पनडुब्बी और जेसीबी के जरिए रेत निकाली जा रही है तो हम कार्रवाई करेंगे।
प्रवीण प्रजापति, एसडीएम सिरोंज
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