चेन्नई । मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (TSMC) की शराब की दुकानों (Liquor Shops) से संबद्ध बार (Attached Bars)को छह माह में (Within Six Months) बंद करने का आदेश देते हुए (Orders Closure) कहा कि उसे अपनी दुकानों में इन्हें चलाने की कानूनी अनुमति नहीं है।
न्यायमूर्ति सी सरवनन ने तास्मेक बार मालिकों के संघ की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को यह आदेश पारित किया। इन्होंने अपनी याचिका में बार टेंडर की अवधि बढ़ाने का आग्रह किया था।
न्यायाधीश ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि तमिलनाडु निषेध अधिनियम 1937 के उप खंड (1-ए) और धारा 17 सी (1-बी) केवल तास्मेक को थोक और खुदरा व्यापार करने की अनुमति देती है, लेकिन तीसरे पक्ष को बार के परिसर से इस्तेमाल की गई बोतलों को इकट्ठा करने, खाने की वस्तुओं की बिक्री या अन्य किसी तरह की गतिविधि की अनुमति देने के विशेषाधिकार संबंधी अधिकार प्रदान नहीं करती हैं।
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि तास्मेक को सार्वजनिक स्थानों या तथाकथित बार में शराब की खपत को प्रोत्साहित करने का कोई अधिकार नहीं है, जिसकी नीलामी सबसे अधिक बोली लगाने के लिए की जा रही है।
अदालत ने यह भी कहा कि बार चलाने का लाइसेंस प्रदान करना केवल लाइसेंसिंग प्राधिकरण अर्थात निषेध और उत्पाद शुल्क आयुक्त के पास ही है। तास्मेक मात्र थोक और खुदरा डीलर है और यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपने आप में एक बार नहीं चला सकता है और यह उपभोक्ताओं को शराब पीने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर सकता है है।
न्यायमूर्ति ने तास्मेक को छह महीने की अवधि में अपनी दुकानों से जुड़ी बार को बंद करने के लिए कदम उठाने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 47 के अनुसार, राज्यों को नशीले पेय और नशीले पदार्थो पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करना चाहिए जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
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