• img-fluid

    मद्रास हाईकोर्ट ने अपनी गलती के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी, यह है मामला

  • November 06, 2021

    चेन्‍नई। मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने एक आईपीएस अधिकारी (IPS Officer) की ओर से आर्थिक अपराध के मामले में शामिल एक महिला से 3 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के आरोप के मामले में दायर एक रिट याचिका को निपटाने में छह साल लगने के लिए सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी है। अब रिट याचिका खारिज करते हुए जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने लिखा, ‘मुझे माफी का एक नोट संलग्न करना चाहिए। माननीय सुप्रीम कोर्ट की आशा और विश्वास को हाईकोर्ट ने नहीं बनाए रखा था। छह साल से अधिक समय के बाद मामले की पूरी सुनवाई हुई (चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को मामले पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया था) और इस आदेश से विवाद का निपटारा होने की उम्मीद है।’

    जस्टिस सीवी कार्तिकेयन के अनुसार याचिकाकर्ता प्रमोद कुमार 2009 में पुलिस महानिरीक्षक (पश्चिम क्षेत्र) के रूप में कार्यरत थे, जब तिरुपुर सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने पाज़ी फॉरेक्स ट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के तीन निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन पर आकर्षक रिटर्न का वादा कर लोगों से करोड़ों रुपये हड़पने करने का आरोप लगाया गया था।

    इसके बाद निदेशकों में से एक कमलावली अरुमुगम 8 दिसंबर, 2009 को लापता हो गया और तिरुपुर उत्तर पुलिस स्टेशन में एक महिला के लापता होने का मामला भी दर्ज किया गया। महिला 11 दिसंबर, 2009 को सामने आई और उसने पुलिस में दावा किया कि अज्ञात लोगों ने उसका अपहरण किया था।

    हालांकि आगे की पूछताछ पर में महिला ने पुलिस निरीक्षक वी मोहन राज पर आर्थिक अपराध मामले में उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग करने का आरोप लगाया था। उसने यह भी दावा किया कि उसने अपहरण का नाटक किया था और पुलिस को बताया कि उसने पहले ही 2।95 करोड़ रुपये दे दिए थे, क्योंकि उसे धमकी और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।



    इसके बाद महिला के लापता होने के मामले को रंगदारी के मामले में बदल दिया गया। पूछताछ के दौरान इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर अधिकारियों को बताया कि वह तत्कालीन आईजी (पश्चिम क्षेत्र) के निर्देश पर ही इस मामले में शामिल हुआ था।

    सीबी-सीआईडी ​​ने आईजी को समन जारी कर पूछताछ की। इस बीच पाजी के निवेशकों द्वारा दायर एक आपराधिक याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने आर्थिक अपराध मामले में जांच के साथ-साथ जबरन वसूली मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया।

    सीबीआई ने 2 मई, 2012 को आईजी को गिरफ्तार किया। उन्होंने सीबीआई को मामले की जांच से रोकने के लिए अगस्त 2012 में एक रिट याचिका दायर की क्योंकि उसने केंद्र से मुकदमा चलाने के लिए पहले मंजूरी नहीं ली थी। 5 दिसंबर 2012 को एकल जस्टिस ने रिट याचिका खारिज कर दी।

    मद्रास हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी, जानें क्या है पूरा मामला
    29 अप्रैल, 2013 को हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा रिट अपील को भी खारिज कर दिया गया था। हालांकि, जब मामले को आगे की अपील पर लिया गया तो सुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च, 2015 को रिट याचिका को नए सिरे से सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में भेज दिया। इस बीच, सीबीआई ने आर्थिक अपराध मामले के साथ-साथ जबरन वसूली मामले में दो अलग-अलग विशेष अदालतों में अंतिम रिपोर्ट दायर की।

    Share:

    भाई दूज: भाई के उज्‍जल भविष्‍य और लंबी उम्र की कामना के लिए बहनें करेंगी तिलक, आप भी जानें शुभ मुहूर्त

    Sat Nov 6 , 2021
    भाई दूज (Bhai Dooj) के साथ आज पांच दिवसीय दीपोत्सव का समापन हो रहा है। आज के दिन बहनें अपने भाई के तिलक कर लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन (long life and happy life) की कामना करती हैं। इस दिन भाई अपनी बहन के यहां भोजन करते हैं। ये त्योहार रक्षाबंधन की तरह […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved