img-fluid

आत्मनिर्भरता की राह पर मध्यप्रदेश के बढ़ते कदम

November 01, 2021

– शिवराज सिंह चौहान

प्यारे प्रदेशवासियों..,

आप सभी को मध्यप्रदेश के 66वें स्थापना दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। सच में आज का दिन पूरे प्रदेशवासियों के लिए प्रसन्नता का दिन है, हर तरफ उल्लास का माहौल है। आज से 65 वर्ष पहले देश के ह्दय स्थल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश की स्थापना हुई थी। मध्यप्रदेश ने इतने वर्षों में कई पड़ाव देखे हैं। कभी बीमारू राज्य कहे जाने वाले इस प्रदेश ने पिछले 15 वर्षों में विकास की करवट ली है। तभी से हमने समृद्ध और स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प लिया है।


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। उन्हीं की संकल्पना के अनुरूप हमने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की परिकल्पना की। हमारा लक्ष्य वर्ष 2023 तक प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का है।

देखा जाए तो मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का बीज हमने आज से 15 वर्ष पहले ही रोपित कर दिया था। मैंने 15 वर्ष पूर्व जब पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उस समय मध्यप्रदेश में मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार इन सभी सुविधाओं की प्रदेश में कमी थी। मैंने अपने जीवन का हर पल प्रदेश के विकास और लोगों के उत्थान के लिए समर्पित किया है। मैंने हर समय यह कोशिश की है कि मध्यप्रदेश की एक अलग पहचान पूरे देश में बने। पिछले डेढ़ दशक में प्रदेश में हुए सकारात्मक बदलाव व अधोसंरचना के निर्माण का हर नागरिक साक्षी है। आज मुझे इस बात का गर्व है कि आप सभी के सहयोग और आशीर्वाद से हम प्रदेश को बीमारू से विकासशील और विकासशील से आत्मनिर्भर की ओर अग्रसर करने में सफल हुए हैं।

सबसे पहले हमने सभी वर्गों से जुड़े लोगों की पंचायतें मुख्यमंत्री निवास पर बुलाईं और उनकी समस्याओं को करीब से समझा। चर्चा कर हर समस्या के अनुरूप योजनाएं शुरू कीं। महिलाओं को आत्मसम्मान और गरिमा प्रदान की। किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण, मेधावी विद्यार्थी योजना, लाडली लक्ष्मी, कन्या विवाह, संबल जैसी योजनाएं लागू कीं।

हमने प्रदेश में महिलाओं और बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान के लिये योजनाएं बनाईं। बेटी के जन्म से लेकर संपूर्ण जीवन के साथ उनके सुखद जीवन की व्यवस्था की। महिलाओं के संपोषण और सुरक्षा पर काम किया। महिलाओं को स्व-सहायता समूह से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया। आज मेरे प्रदेश में 3 लाख से अधिक महिला स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं, इनमें 38 लाख 10 हजार महिलायें जुड़ी हुई हैं और आत्मनिर्भर हो रही हैं। हमने उनके द्वारा तैयार किए गये उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की समुचित व्यवस्था की है। इनको इस वित्तीय वर्ष में 2550 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जायेगा, जिसमें 600 करोड़ रुपये का ऋण उन्हें प्रदान किया जा चुका है।

अन्नदाता की खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए निरंतर प्रयास किये गये हैं। पहले उन्हें 18 प्रतिशत पर मिलने वाले ऋण को घटा कर 0 प्रतिशत पर उपलब्ध कराया। हमने कोरोना के संकटकालीन समय में भी एक लाख 49 हजार 670 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में डाली। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों को पूरा सम्मान देते हुए किसानों के खाते में प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये किसान सम्मान निधि के देने प्रारंभ किये। इसमें हमने किसान कल्याण योजना के माध्यम से 4 हजार रुपये प्रतिवर्ष जोड़कर कुल 10 हजार रुपये प्रति वर्ष की राशि देना प्रारंभ की है। इसके अंतर्गत प्रदेश के 74 लाख 50 हजार किसानों को वर्ष 2020-2021 एवं 2021-2022 में मिलाकर लगभग 4500 करोड़ रुपये दिये हैं।

हमनें प्रदेश में गरीबों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। प्रदेश के 6 लाख 20 हजार शहरी एवं ग्रामीण पथ व्यवसायियों को 10-10 हजार रुपये का ब्याज मुक्त ऋण उनकी आज़ीविका के लिये दिया है। इन पथ व्यवसायियों के खातों में कोरोना काल में भी एक-एक हजार की आर्थिक सहायता अलग से दी गई है।

प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये हमने अनेक कार्य किये हैं। आज प्रदेश के हर जिले में प्राथमिक और शासकीय चिकित्सा केंद्रों का जाल बिछा हुआ है। जहां लोगों को समय पर उपचार मिल रहा है। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गरीबों को नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना में प्रदेश में 2 करोड़ 55 लाख से अधिक नागरिकों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। यह कार्ड बनाने में मध्यप्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है। आज प्रदेश में 20 मेडिकल कॉलेज स्थापित हो चुके हैं। जननी एक्सप्रेस एवं नि:शुल्क 108 सुविधा ने लाखों लोगों के प्राणों की रक्षा की है। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जनभागीदारी मॉडल के माध्यम से प्रभावी नियंत्रण किया। इस मॉडल से मिले सुखद परिणामों का नतीजा है कि अन्य राज्यों ने भी जनभागीदारी मॉडल को अपनाया। प्रदेश में अब तक 7 करोड़ कोविड वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी हैं जिसके कारण संभावित तीसरी लहर के खतरे को कम करने में कामयाब हुए हैं।

हमने जब प्रदेश का दायित्व संभाला तब कभी-कभी बिजली आती थी, अब प्रदेश के हर कोने में 24 घंटे बिजली उपलब्ध है। किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर बिजली मिल रही है। यही नहीं सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने का काम किया। सड़कों की प्राथमिकता तय करने और तकनीकी आधारित स्थिति के आंकलन के लिए रोड ऐसेट मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना की। नागरिकों को बेहतर सुविधाओं का लाभ मिले इसके लिए देश में पहली बार मध्यप्रदेश ने लोक सेवा गारंटी योजना शुरू की। सुशासन लाने के लिए स्थापित मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी से मिले सुखद परिणामों के बाद अन्य राज्यों ने भी इस मॉडल को अपनाया।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करना भी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश के बेटा-बेटियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए हमने मध्यप्रदेश में 9200 सीएम राइज स्कूल शुरू करने का निर्णय लिया। प्रदेश के प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटों को बढ़ाए जाने का फैसला किया।

प्रदेश के युवाओं को रोज़गार देने की दिशा में भी हमने अनेक कदम उठाये हैं। प्रदेश में उद्योगों में वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2021 में 40 प्रतिशत अधिक रोज़गार सृजित हुये हैं। पिछले 17 महीने में 880 नई औद्योगिक इकाई प्रारंभ हुई हैं जिनमें 16 हजार 700 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है तथा 47 हजार से अधिक लोगों को रोज़गार प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार से प्रदेश में 1 हजार 893, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रारंभ हुए हैं, जिनमें 40 हजार लोगों को रोज़गार मिला है। प्रदेश में 13 नये क्लस्टर प्रारंभ होंगे, जिनमें लगभग 25 हजार लोगों को रोज़गार प्राप्त होगा। रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से युवाओं एवं श्रमिकों के लिये रोज़गार की समुचित व्यवस्था की गयी है। युवाओं के पास स्वयं का अपना रोज़गार हो इसके लिए हम उनको मुख्यमंत्री स्व-रोज़गार के माध्यम से स्व-रोज़गार प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के माध्यम से युवा आज नौकरी देने की स्थिति में पहुंच गए हैं। इन सभी प्रयासों से तथा जनभागीदारी से हमारा प्रयास है कि हम जल्द ही मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनायें।

दीपावली का त्यौहार नजदीक है। हमें त्यौहार मनाना है लेकिन पूरी सावधानी के साथ क्योंकि कोरोना का संकट अभी टला नहीं है। मेरी आप सभी प्रदेशवासियों से अपील है कि आप सभी पूरी सुरक्षा के साथ रोशनी के इस त्यौहार को मनाएं। आप सभी को दीपावली की अग्रिम शुभकामनायें।

मैं आशा करता हूं कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के स्वप्न को साकार करने के लिए आपका प्रेम और विश्वास मुझे आगे भी उसी तरह प्राप्त होता रहेगा, जिस तरह से अब तक प्राप्त हुआ है। आइये हम सब मिलकर स्वर्णिम, समृद्ध और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाएं। आप सभी को मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर एक बार फिर बधाई और शुभकामनाएं। (एजेंसी, हि.स.)

(ब्लॉगर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)

Share:

भारत के हृदय स्थल पर बसा इंदौर शहर है मिनी-इंडिया : केंद्रीय मंत्री सिंधिया

Mon Nov 1 , 2021
इंदौर को एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में मिली बड़ी सौगात, तीन शहरों के लिए प्रारंभ हुई सीधी हवाई यात्रा भोपाल। इंदौर शहर (Indore city ) जिसे आज तक मिनी मुंबई कहा जाता रहा है वह मिनी मुंबई नहीं बल्कि मिनी-इंडिया (mini-India) है, जो भारत के हृदय स्थल (heart of India) पर बसा है। आज का […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
रविवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved