भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वेलनेस और स्पिरिचुअल टूरिज्म डेस्टिनेशन के लिए मध्यप्रदेश सबसे उपयुक्त प्रदेश है। मध्यप्रदेश की प्राकृतिक और समृद्ध विरासत अनायास ही पर्यटन प्रेमियों को आकर्षित करती है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान पर्यटन विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ‘वेलनेस और स्पिरिचुअल टूरिज्म डेस्टिनेशन’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग का महत्व बताते हुए कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अगर कोई रामबाण है, तो वह योग है। योग और प्राणायाम अगर निरंतर किया जाता है तो शरीर निरोगी बनता है, बुद्धि प्रखर होती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योग हमारी वैदिक संस्कृति की हजारों साल पुरानी विधा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की पहल के कारण अब पूरी दुनिया योग का लाभ उठा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी से आग्रह किया कि संकल्प लें कि आप सभी प्रतिदिन योग और प्राणायाम करेंगे। प्रतिदिन योग और प्राणायाम करके शरीर को स्वस्थ, निरोग और प्रसन्न बनाएँ।
पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि यह उपयुक्त समय है जब प्रदेश स्पिरिचुअल टूरिज्म की दिशा में कार्य करे और भौतिकता से दग्ध मानवता को सुख, शांति और श्रेष्ठ स्वास्थ की ओर ले जाए। इस दिशा में पर्यटन विभाग द्वारा पचमढ़ी में एक वेलनेस सेंटर स्थापित किया गया है। इस वेलनेस सेंटर पर प्राकृतिक चिकित्सा, योग और अन्य उपचार की विधाएं पर्यटकों को उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर योग के माध्यम से स्वस्थ रहने की प्रेरणा का कार्यक्रम किया जाएगा। वेलनेस और स्पिरिचुअल टूरिज्म के क्षेत्र में निरंतर नवाचार किए जायेंगे।
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने ऑनलाइन वेबीनार में प्रदेश में शुरू की गई वैलनेस पर्यटन नीति के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मध्यप्रदेश में वेलनेस स्पिरिचुअल टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने में मदद करने के लिए बड़ी वेलनेस ब्रांड कंपनियों के साथ-साथ स्थानीय निवेशकों को भी आमंत्रित किया। श्री शुक्ला ने कहा कि वर्तमान कोरोना महामारी के दौर में विश्व स्तर पर वैलनेस और स्पिरिचुअल टूरिज्म की मांग में भारी उछाल आया है। अब पर्यटक लग्जरी टूरिज्म की जगह प्रकृति के समीप टूरिज्म डेस्टिनेशन की तलाश कर रहे है। मध्यप्रदेश प्राकृतिक डेस्टिनेशन से समृद्ध प्रदेश है। इसका लाभ उठाते हुए मध्यप्रदेश एक सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त वैलनेस डेस्टिनेशन बनने के लिए तैयार है। हम एक रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म की नीति पर कार्य करेंगे जिसमें हम प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ कार्बन फूट प्रिंट कम करके सस्टेनेबल नेचर की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
ऑनलाइन वेबिनार में लद्दाख से एसईसीएमओएल के एडवाइजर और एचआईएएल के फाउंडर श्री सोनम वांगचुक ने कहा कि लद्दाख में पर्यटकों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों पर भार बढ़ा है। इसलिए हमें अपने टूरिज्म सेक्टर को विकसित करने के साथ-साथ उसे सहेजने की ओर ध्यान देना चाहिए। मध्यप्रदेश, भूटान और लद्दाख तीनों ही वेलनेस और स्पिरिचुअल टूरिज्म के लिए उपयुक्त स्थान हैं।
भूटान टूरिज्म काउंसिल के डायरेक्टर जनरल श्री दोरजी द्रधुल ने भूटान की पर्यटन नीति के बारे में बताते हुए मध्यप्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर अपने विचार रखे। श्री दोरजी द्रधुल ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक रूप से समृद्ध प्रदेश है। यहां नैसर्गिक सौंदर्य के बीच स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए वेलनेस सेंटर स्थापित किया जाना उचित होगा। उन्होंने मध्यप्रदेश में वेलनेस और स्पिरिचुअल टूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित करने के लिए भूटान से हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया।
ऑनलाइन वेबिनार का संचालन टूरिज्म स्पेशलिस्ट और ऑथर सुश्री विनीता राशिनकर ने किया। वेबिनार में देश और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से पर्यटन प्रेमी वर्चुअली उपस्थित रहें।
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