उज्जैन (Ujjain) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की धार्मिक नगरी उज्जैन (Ujjain) में सिंहस्थ के पूर्व चिंतामन रोड पर संतों (Saint) का मेला लगा। अखाड़ा परिषद सहित 13 अखाड़े के महामंडलेश्वर सहित सैकड़ों की संख्या में संत समाज से जुड़े लोग इसमें शामिल हुए। इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज (Ravindra Puri Maharaj) ने 112 साधु संतों को नोटिस जारी किया।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि ऐसी जानकारी मिली है कि कई मंचों पर संतों के अल्लाह हू अकबर कहने और नमाज पढ़ने के मामले सामने आए हैं। वहीं, महिला महामंडलेश्वर को रुपए लेकर महामंडलेश्वर बनाने के आरोप में दो माह के लिए परिषद से निष्कासित कर दिया गया है। जिन साधु संतों को नोटिस जारी किए गए हैं, उन्हें जवाब देने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। उचित और सही जवाब नहीं मिलने पर इन पर कार्रवाई की जाएगी।
इस दौरान राम कथा करने वाले भगवान शरण बापू को अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी और 13 अखाड़े के संतों ने पत्ताभिषेक कर महामंडलेश्वर बनाया। अब उन्हें महामंडलेश्वर भगवतानन्द गिरी महाराज के नाम से जाना जाएगा। महामंडलेश्वर भगवतानंद महाराज को निरंजनी अखाड़े से पदवी अखाड़ा परिषद ने प्रदान की। इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने उन संतों पर कार्रवाई करने का कहा है, जो सनातन धर्म को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक कार्यों के बजाय अन्य गतिविधियों में जुटे और अपने आप को भगवान समझने वाले संतों पर आने वाले कुंभ में प्रतिबंध लगाकर उनका प्रवेश रोका जाएगा।
अशोभनीय बयान देने पर कार्रवाई
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने भगवान कृष्ण पर अशोभनीय बात करने वाले महामंडलेश्वर कुमार स्वामी पर भी कार्रवाई की बात कही। कहा कि ऐसे संतों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्हें प्रयागराज में 2025 में होने वाले कुंभ मेले में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। छह महामंडलेश्वर को निष्कासित करने के संबंध में कहा कि फिलहाल दो माह पहले सिर्फ उज्जैन में महिला महामंडलेश्वर को निष्कासित किया है, अन्य किसी को नहीं।
अखाड़ों की अपनी व्यवस्था
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने बताया कि सभी अखाड़ों की अपनी व्यवस्था है। अखाड़े से संबंधित किसी संत को गलती करने पर उनके अखाड़े ने नोटिस जारी किया होगा और वही कार्रवाई करेंगे। जूना अखाड़े ने 54 संत, श्री निरंजनी अखाड़े ने 24 संतों और निर्मोही अनी अखाड़े ने 34 संतों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। 30 सितंबर तक संतोषजनक जवाब नहीं देने पर ऐसे संतों को कुंभ मेले में प्रवेश लेने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
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