सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले (Satna District) की छात्रा अर्चना कुशवाहा (22) राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होंगी। अर्चना ने समाज सेवा (Social service) के प्रति कई उत्कृष्ट कार्य किए हैं। इसको देखते हुए उन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा है। भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय सेवा योजना (National service Scheme) पुरस्कार 2020-21 के लिए मध्यप्रदेश की एकमात्र छात्रा अर्चना कुशवाहा का चयन किया है।
सतना जिले में नागौद तहसील के छोटे से गांव अमकुई में निवास करने वाली गरीब किसान की बेटी अर्चना कुशवाहा को आने वाली 24 सितंबर को दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में महामहिम द्रौपदी मुर्मु सम्मानित करेंगी। अर्चना ने यह मुकाम हासिल कर सतना जिले का नाम पूरे देश भर में रोशन किया। अर्चना का यह सम्मान हासिल करना जिले के लिए गौरव की बात है। इस योजना के पुरस्कार में पूरे देश भर में 40 लाख से अधिक स्वयं सेवकों का चयन किया गया है।
अर्चना को प्रदेश के अन्य जिले में भी 40 से अधिक पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। छात्रा ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न आयोजनों में चयनित होकर जिले और राज्य को गौरवान्वित किया है। कुशवाहा बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ समाजसेवा के लिए अग्रसर रहती थीं, तब से लेकर आज तक अर्चना समाजसेवा में निरंतर जुटी हुई हैं।
बता दें कि अर्चना ने साल 2017 में राष्ट्रीय सेवा योजना में जॉइन किया और वह कोरोना काल में भी गरीबों और असहाय लोगों की मदद कीं। इसके अलावा वह स्वैच्छिक सामजिक सरोकार के कार्य, राष्ट्र निर्माण के कार्य, रक्तदान शिविर, पौधरोपण, नेत्र शिविर, पर्यावरण जागरुकता और स्वच्छता अभियान जैसे अन्य सामाजिक कार्यों में अपनी सहभागिता बनाये हुए हैं।
अर्चना ने अपनी शिक्षा कक्षा 1 से 10वीं तक गांव की बाबा नींव करौरी हाई स्कूल से पूरी की। इसके बाद कक्षा 11 से 12वीं की शिक्षा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जसो से पूरी की। शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय रीवा रोड से बीए ग्रेजुएशन और अब वर्तमान में वह एमए चतुर्थ सेमेस्टर में अध्ययनरत हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अर्चना को बचपन से ही समाजसेवा के प्रति लगाव है। साल 2017 में शासकीय महाविद्यालय में दाखिला लेने के बाद अर्चना की मुलाकात हिंदी साहित्य की प्रोफेसर क्रांति मिश्रा से हुई। उनके द्वारा अर्चना ने राष्ट्रीय सेवा योजना को जॉइन किया। इसके बाद से अर्चना लागतार सामजिक कार्यों में जुटी हुई हैं। राष्ट्रपति पुरस्कार का श्रेय अर्चना ने अपने माता-पिता और प्रोफेसर क्रांति मिश्रा को दिया।
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