भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) मसाला फसलों (Spice Crops) का उत्पादन करने वाला देश का प्रथम राज्य (First State) बन गया है. वर्ष 2023-24 में प्रदेश के किसानों (Farmer) ने रिकार्ड 8 लाख 32 हजार 419 हेक्टेयर में मसाला फसलों की बोवनी कर, रिकार्ड 54 लाख टन से अधिक मसाला फसलों का उत्पादन किया. गत वर्ष प्रदेश में 13 हजार 110 हेक्टेयर उद्यानिकी फसलों का विस्तार, 42,730 किसानों को 44 करोड़ 85 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ था. बाजार में मसाला फसलों, हल्दी, लहसुन, हरी और लाल मिर्च, अदरक, धनिया, मेथी, जीरा और सौंफ की फसलों की बढ़ती मांग से भी किसान इनके उत्पादन के प्रति आकर्षित हुए. बीते 4 साल में मसाला फसलों के उत्पादन में 2 लाख 16 हजार मीट्रिक टन की वृद्धि हुई.
किसान मसाला फसलें से अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं. टीकमगढ़ जिले के ग्राम आलमपुर के कृषक मोनू खान का कहना है कि इस वर्ष उन्होंने 12 हेक्टेयर में शिमला मिर्च, टमाटर और हरी मिर्च की फसल लगाई है. हर दिन 30 से 35 क्विंटल शिमला मिर्च बाजार में बेच रहे है, जिससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो रही है. खरगोन जिले के भीकनगांव ब्लॉक के कृषक राजेश कालड़ा की, जिन्होंने 12 एकड़ में केवल हरी मिर्च लगाई है. मिर्च की फसल 4 महीने में विक्रय योग्य हो जाती है. इस वर्ष उन्हें 30 से 35 लाख रुपये की आय संभावित.
25 नवंबर तक किसान कर लें गेहूं की बोनी
इधर गेहूं फसल की बोवनी के लिए कृषि विभाग ने किसानों के एडवाइजरी जारी की है. जिसके अनुसार किसान भाई सिंचित अवस्था व समय से बुवाई के लिए गेहूं की बुवाई 10 नवम्बर से 25 नवम्बर तक करें. उपयुक्त किस्मों में शरबती किस्में एचआई 1650 पूसा ओजस्वी, एचआई. 1634 पूसा बकुला, एचआई.1544, जीडब्ल्यू.451, जीडब्ल्यू.322, जीडब्ल्यू.366 हैं. इयूरम किस्में एच आई 8737, एचआई 8663, एच आई 8759 पूसा तेजस, डण्बीडब्ल्यू.187 करण वंदना, डीबीडब्ल्यू.303 आदि हैं.
वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार बीज उपचार गेहूं के बीज को कार्बेन्डाजिम या मैन्कोजेब 2 ग्राम प्रति किलो या थायरम 2 ग्राम 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम या थायरम कार्बोक्सिन 3 ग्राम प्रमुख कृषि विज्ञान प्रति किलो बीज किसी एक फफूंदनाशक से उपचारित करें. जड़ माहू व दीमक के लिए रासायनिक फफूंदनाशक दवा से उपचार के बाद कीटनाशक दवा क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी मात्रा 5 मिली प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें.
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