भोपाल। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी (PCC Chief Jitu Patwari) न सोशल मीडिया साइट एक्स (X) पर (पहले ट्विटर) पर पोस्ट लिख सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। जीतू ने सरकार (Govt.) में भ्रष्टाचार और कार्यों में अनियमित्ता के आरोप लगाए है। वहीं इनवेसटर्स से लेकर सरकार के कर्ज लेने की बातों पर डीतू ने हमला किया है। जीतू ने लिखा कि- [relpsot]
• मैं फिर से दोहरा रहा हूं वर्ष 2007 इंदौर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 1.22 लाख करोड़, साल 2010 में खजुराहो समिट में 2.41 लाख करोड़, वर्ष 2012 में इंदौर समिट में 2.94 लाख करोड़, साल 2014 में इंदौर इन्वेस्टर्स समिट में 4.42 लाख करोड़ और वर्ष 2016 में इंदौर की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 5 लाख 62 हजार 847 करोड़ के 2630 निवेश के प्रस्ताव आने का दावा किया गया था! यदि इसके बाद भी कोई ईमानदार कोशिश हुई हो, तो उसे भी जरूर सामने लाया जाना चाहिए!
• सभी इन्वेस्टर समिट के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए निकाले गए, लेकिन प्रदेश को प्रामाणिक रूप से कितना मुनाफा हुआ, यह कब बताया जाएगा? कई विदेश यात्राएं कर ली गईं, प्रदेश की तस्वीर बदलने के तमाम दावे के बीच में रोजगार देने का नाटक भी किया गया! कंपनियों को बड़े पैमाने पर जमीनों का आवंटन किया गया, लेकिन विकास नहीं हुआ. क्यों?
• मैं मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करना चाहता हूं निवेश के प्रयास जरूर हों! क्योंकि, इसी से उन्नति, प्रगति, विकास जैसे शब्द सार्थक होंगे! लेकिन, यदि #Ujjain के “रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव” में भी पुराने निवेश “महोत्सव” जैसे प्रचार-प्रयोग हुए, तो फिर उसका कोई अर्थ नहीं है? ऐसी “निवेश-नौटंकी” जनता पहले भी कई बार देख चुकी है!
• इससे तो बेहतर होगा सरकारी आयोजन पर खर्च होने वाला धन, गेहूं और धान का घोषित समर्थन मूल्य पाने का रास्ता देख रहे किसानों को दे दिया जाए! या फिर ₹3000 प्रतिमाह मिलने का रास्ता देख रही लाड़ली बहनों को लॉटरी के माध्यम
• #मध्यप्रदेश की सीमाओं बने #RTO बैरियर अवैध वसूली के अड्डे हैं! जावरा-नयागांव बैरियर की तरह ही सेंधवा बैरियर में भी ट्रकों से हर माह 31.50 करोड़ की उगाही हो रही है! दस्तावेज हो या नहीं, यहां तैनात जिम्मेदारों को इससे फर्क नहीं पड़ता! पैसा नहीं, तो प्रवेश नहीं!
• #MadhyaPradesh को महाराष्ट्र से जोड़ने वाले सेंधवा बैरियर से रोज करीब 7 हजार वाहन गुजर रहे हैं! उनसे ₹500 लेकर ₹5000 तक की वसूली की जा रही है! औसतन ₹1500 की दर से रोज 1.05 करोड़ की उगाही हो रही है!
• सच्चाई तो यह भी है कि 50% कमीशन को खुली छूट देने वाली @BJP4MP सरकार पूरी तरह से अवैध वसूली के इस संगठित कारोबार को संरक्षित कर रही है! यदि यह सच नहीं है तो फिर अवैध वसूली पर अंकुश क्यों नहीं?
प्रदेश के
मुख्यमंत्री
झूट और बेरोज़गारी के मामा थे !
अब कर्ज़ क्राइम करप्शन के काका है ?
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