भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी (Madhya Pradesh Congress Party) लगातार प्रदर्शन और आंदोलन कर रही है वहीं अब महिला कांग्रेस (Madhya Pradesh Mahila Congress) भी आगे गई है। मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल और संगीता शर्मा (Vibha Patel and Sangeeta Sharma) ने पीसीसी में सोमवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में देश और मध्य प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों में लगातार वृद्धि होना शर्मनाक और बेहद चिंताजनक हैं। कई मामलों में सामने आया है कि भाजपा के कार्यकर्ता महिलाओं या नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों में शामिल होना पाए गए हैं, लेकिन सत्ताधारी पार्टी से जुड़े होने के कारण वे कानून के सिकंजे से बच जाते हैं।
ऐसे कई मामलों में पीड़िता या उसका परिवार सत्ता पक्ष के डर से पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाता है। इतना ही नहीं बेलगाम महंगाई ने महिलाओं की कमर तोड़ दी है, जिससे रसोई से लेकर घर-गृहस्थी के अन्य कामों में जिसका सीधा असर महिलाओं पर ही पड़ रहा है, जिससे परिवार चलाना और जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है, महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन भी नहीं मिल रहा। पौष्टिक आहार व स्वच्छता की कमी से वे बीमार पड़ रहीं हैं। बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में महिला रोग विशेषज्ञ, चिकित्सक ही उपलब्ध नहीं है। विभा पटेल ने कहा कि महिलाओं की समस्याओं के चलते मध्य प्रदेश में अब नारी न्याय आंदोलन पूरी ताकत से गांव-गांव तक चलाया जाएगा।
विभा पटेल ने बताया कि इसकी शुरुआत अखिल भारतीय महिला कांग्रेस ने गत 29 जुलाई 2024 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर से कर दी हैं, मध्य प्रदेश में इसका विस्तार शहरी और ग्रामीण इलाकों की महिलाओं तक किया जायेगा। जिसका उद्देश्य आधी आबादी (महिलाओं) के लिए हक मांगना है। साथ ही महिला आरक्षण, जातीय जनगणना, बढ़ती महंगाई और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दों को लेकर जन जागरण भी चलाया जायेगा। अभियान में समान वेतन, बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता, लाड़ली बहनों को मुफ्त में कॉलेज तक शिक्षा और महिलाओं की सुरक्षा के लिए आवाज उठाई जाएगी।
पटेल ने कहा कि महिलाओं को इस आंदोलन में जोड़ने के लिए जिला, ब्लाक, बूथ स्तर पर महिलाओं को जोड़कर, महिला अपराध, बेलगाम महंगाई के खिलाफ ‘‘नारी न्याय आंदोलन’’ चलाकर महिलाओं को न्याय दिलाने और उनके हक के लिए प्रदेश की कुंभकर्णी नींद में सोयी सरकार को जगाने का काम किया जायेगा।
इन मुद्दों को लेकर नारी न्याय आंदोलन
हिला आरक्षण: संसद में पारित 106 वें संविधान संशोधन अधिनियम को तुरंत लागू किया जाए, जिसमें 33 प्रतिशत महिला आरक्षण और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण सुनिश्चित किया जाए। जातिगत जनगणना: सामाजिक समानता और न्याय के लिए जातिगत जनगणना शीघ्र करवाई जाए, जिसमें पिछड़े वर्गों की जाति, उप जाति, भाषा, और आर्थिक स्थिति का उल्लेख हो। लाडली बहना योजना: लाडली बहना योजना से लाखों महिलाओं के नाम काट दिए गए हैं। महिला कांग्रेस ने मांग की है कि सभी पात्र महिलाओं को सूची में शामिल किया जाए और उनके लाभ को बहाल किया जाए।
महिलाओं की सुरक्षा: महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कानून बनाए जाएं, और नए महिला थाने और पुलिस चौकियों की स्थापना की जाए।महंगाई और बेरोजगारी: बेलगाम महंगाई और बेरोजगारी ने महिलाओं को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हर गरीब परिवार की एक महिला को 1 लाख रुपये सालाना या 8,500 रुपये मासिक आर्थिक सहायता दी जाए।
50% आरक्षण: सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाए, जिसमें पुलिस फोर्स और अर्ध सुरक्षा बलों में महिलाओं की समान भागीदारी हो। स्मार्ट मीटर: स्मार्ट मीटर के कारण आ रहे अनाप-शनाप बिजली बिलों पर रोक लगाई जाए, जिससे आम जनता को राहत मिल सके। समान काम, समान वेतन: महिलाओं के वेतन में भेदभामव को रोकने के लिए ‘समान काम, समान वेतन’ का सिद्धांत लागू किया जाए।
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