भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि प्रदेश में ग्रामीण आबादी का सर्वे कर ग्रामीणों को उनकी स्थिति का मालिकाना हक दिलवाए जाने के लिए चलाई जा रही स्वामित्व योजना के अंतर्गत अधिकार अभिलेख तैयार करने में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। योजना में अभी तक प्रदेश के 1615 गाँवों के अधिकार अभिलेख पूर्ण किए जा चुके हैं। हरदा जिले के शत-प्रतिशत गाँवों के अधिकार अभिलेख पूर्ण किए जा चुके हैं। अधिकार अभिलेख पूर्ण ग्रामों का प्रतिशत 41 है।
भारत सरकार द्वारा बेस्ट प्रेक्टिस के तहत अन्य राज्यों को भी मध्यप्रदेश की तर्ज पर स्वामित्व अभियान के क्रियान्वयन की प्रक्रिया अपनाने का सुझाव दिया गया है। मध्यप्रदेश की प्रक्रिया को समझने अन्य राज्य के अधिकारियों द्वारा मध्यप्रदेश का दौरा किया गया, वहीं वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी उन्हें प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना के अंतर्गत सर्वे कार्य शीघ्र पूर्ण कर ग्रामीण आबादी को अधिकार अभिलेख का वितरण प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज राजस्व विभाग की स्वामित्व योजना की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, वी.सी. से शामिल हुए। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव राजस्व श्री मनीष रस्तोगी आदि उपस्थित थे।
सम्पत्ति पर अधिकार का मिलेगा शासकीय दस्तावेज
स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को अपनी सम्पत्ति पर अधिकार का शासकीय दस्तावेज स्वामित्व कार्ड के रूप में दिया जाएगा। इस दस्तावेज के माध्यम से वे अपनी सम्पत्ति का क्रय-विक्रय कर सकेंगे तथा बैंकों से आसानी से ऋण प्राप्त कर सकेंगे।
25 सितम्बर 2018 पात्रता तिथि
योजना के अंतर्गत ड्रोन द्वारा ग्रामीण आबादी का सर्वेक्षण कर केवल उन सम्पत्ति धारकों के अधिकार अभिलेख तैयार किए जा रहे हैं जो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संशोधन ) के लागू होने की दिनांक 25 सितम्बर 2018 को उस आबादी भूमि का उपयोग कर रहे थे अथवा जिन्हें इस दिनांक के बाद आबादी भूमि भूखंड का आवंटन किया गया है।
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