भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब निवेश का बड़ा केंद्र बन रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाएँ तलाशी जा रही हैं। आगामी 8, 9 एवं 10 जनवरी को इंदौर में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में 80 देशों के प्रवासी भारतीय शामिल होंगे। साथ ही 11 और 12 जनवरी को इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होने के लिए 52 देशों द्वारा स्वीकृति दे दी गई है। मध्यप्रदेश की धरती पर 5जी सेवाएँ शुरू हो गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्टार्टअप और एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएँ दे रही है। प्रदेश की स्टार्टअप नीति में नए स्टार्टअप्स को एक करोड़ रूपए तक की विशेष प्रोत्साहन सहायता का प्रावधान किया गया है। इनोवेटिव आइडिया होने पर बैंक से केपिटल फंड की भी व्यवस्था की जाती है। प्रदेश में स्टार्टअप्स को सहायता करने के लिए विशेषज्ञों का स्टार्टअप सेंटर भी बनाया गया है। चौहान ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई की इकाई डालने पर केपिटल सब्सिडी, सस्ती जमीन, पूँजी, ब्याज सब्सिडी आदि सहायता दी जाती है। हाल ही में एक दिन में ही प्रदेश में 1900 लघु औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन किया गया। अब 5 हजार उद्योगों के प्रारंभ होने की तैयारी है।
12 वीं के बाद लक्ष्य तय करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को यह स्पष्ट होना चाहिए कि बारहवीं कक्षा के बाद उन्हें किस दिशा में जाना है। उन्होंने कहा कि 12वीं में 75 प्रतिशत या अधिक अंक लाने पर सरकार लेपटॉप देती है। मेधावी विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा की फीस भी सरकार भर रही है। मध्यप्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में शुरू कर दी गई है। चौहान ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही 1 लाख सरकारी पदों पर भर्ती की जा रही है। हर व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती, इसलिए आवश्यक है कि स्व-रोजगार शुरू करें, राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी। वे अपना स्टार्टअप शुरू कर नौकरी देने वाले बन सकते हैं। प्रदेश के 2500 बच्चे अपना स्टार्टअप शुरू कर चुके हैं।
भंडार क्रय नियमों खरीद में देंगे प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेबी और आरबीआई द्वारा मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थानों से फंड प्राप्त करने वाले स्टार्टअप्स को 15 प्रतिशत की दर से 15 लाख रूपये तक की सहायता दी जाएगी। भंडार क्रय नियमों में सरकारी खरीद में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि वे सरकार द्वारा स्टार्टअप्स को दी जाने वाली सुविधाओं के संबंध में एक नोट बना कर बच्चों को भिजवाएँ। साथ ही हर जिले के कलेक्ट्रेट में एक टीम बनाई जाए जो स्टार्टअप का सहयोग एवं मार्गदर्शन करे। स्कूल और कॉलेज में स्टार्टअप के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किए जाएँ।
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