भोपाल। देश के हृदय प्रदेश मप्र नकली नोटों का हब बनता जा रहा है। नकली नोट का कारोबार करने वाले मप्र को हब के रूप में उपयोग कर रहे हैं। यहां से पूरे देशभर में नकली नोट भेजे जा रहे हैं। यही नहीं यहां भी बड़ी संख्या में नकली नोट खपाए जा रहे हैं। मप्र में इंदौर संभाग इसका गढ़ बनकर सामने आया। पिछले दो साल के मामलों पर गौर करें तो इंदौर संभाग में सबसे ज्यादा मामले और सबसे ज्यादा जाली नोट पकड़ में आए। मप्र में नकली नोट छापने की कई फैक्ट्रियां भी पकड़ा चुकी हैं। दरअसल, प्रदेश के बीच में स्थित होने के कारण माफिया, तस्कर और अपराधी मप्र को हब के रूप में उपयोग करने लगे हैं। यहां से नकली नोट, मादक पदार्थ दूसरे राज्यों में आसानी से भेजने के संसाधन है। इसलिए मप्र में पिछले कुछ सालों से आपराधिक गतिविधियां बढ़ती जा रही है।
3 साल में नकली नोट के 45 केस दज
कोरोनाकाल से अब तक प्रदेश में नकली नोट के 45 केस दर्ज किए गए हैं। इनमें एक करोड़ से ज्यादा के जाली नोट की जब्ती और 100 से ज्यादा आरोपियों को पकड़ा गया है। इंदौर में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी जाली नोट के मामले में सामने आई है। आरोपी को बचाने के प्रयास में एक पुलिसकर्मी ने कार्रवाई कर रही टीम के साथ मारपीट भी की। कुछ दिन पहले खंडवा की खालवा थाना पुलिस नकली नोट के मामले में इंदौर से आरोपी राघवेन्द्र और अभिजीत को पकडऩे गई थी। तब थाना प्रभारी परसराम डावर और उनकी टीम पर हमला कर आरोपियों ने सबूत मिटा दिए। राघवेन्द्र पूर्व पुलिसकर्मी है और उसका भाई मनोज सिंह सहायक उप निरीक्षक है। कार्रवाई में बाधा पहुंचाने पर राघवेन्द्र और मनोज दोनों पर केस दर्ज हुआ। एएसआइ मनोज की भूमिका भी जाली नोट के कारोबार में है।
स्कैन कर करंसी बनाते हैं जालसाज
नकली नोट के मामले में पुलिस और एसटीएफ ने जहां भी कार्रवाई की, अधिकांश जगहों पर आरोपियों के कब्जे से कम्प्यूटर, स्कैनर, लैपटॉप, प्रिंटर और पेपर जब्त किए गए हैं। स्पष्ट है कि प्रदेश में स्कैन करंसी का उपयोग ज्यादा हुआ। असली नोटों की तरह स्कैन करंसी बना बाजार में भेजी है। दमोह पुलिस ने एटीएम ब्लास्ट के एक मामले में पन्ना जिले से आरोपी देवेन्द्र पटेल निवासी खजरी को पकड़ा था। इसके घर से साढ़े 3 लाख रुपए के नकली नोट, स्कैनर, प्रिंटर, नोट छापने के कागज बड़ी मात्रा में जब्त किए गए थे। कोरोनाकाल में अक्टूबर 2021 में खरगोन पुलिस ने बड़ौदा गुजरात के दो आरोपी मो. सलीम, अजहर को पकड़ा था। उनसे 24 लाख के नकली नोट मिले थे। विदिशा में अश्विन निवासी सूरत और राजेन्द्र निवासी भुसावल से 7 लाख 24 हजार रुपए जब्त किए गए थे। खरगोन डीआईजी तिलक सिंह का कहना है कि सूचना के आधार पर पुलिस कार्रवाई करती है। खरगोन, खंडवा में हाल में ही मामले सामने आए हैं। लालच में आकर लोग इस अपराध में फंसते हैं। आम जनता को जागरूक होने की जरूरत है।
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