भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने लोक सेवा आयोग को निर्देशित किया है कि दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों को इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा (engineering service exam), 2021 के लिए आवेदन करने तथा परीक्षा में शामिल होने के अनुमति प्रदान करें। जस्टिस एसए धर्माधिकारी (Justice SA Dharmadhikari) और जस्टिस विशाल मिश्रा (Justice Vishal Mishra) की खंडपीठ ने दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा के लिए बेवसाइट में संशोधन करने के आदेश जारी किए हैं। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि आवश्यक होने पर परीक्षा की तिथि भी बढ़ाई जाए।
उत्तर प्रदेश निवासी शैलेन्द्र कुमार (Shailendra Kumar) की तरफ से दायर याचिका में 30 दिसंबर 2021 की प्रकाशित गजट अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने अभियंता पद की भर्ती के लिए नोटिफिकेशन (Notification) जारी किए थे। एमपीपीएससी भर्ती प्रकिया की परीक्षा आयोजित करेगी। एमपीपीएससी की प्राथमिक परीक्षा (MPPSC Preliminary Exam) में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के रोजगार पोर्टल में जीवित पंजीयन होना अनिवार्य है। रोजगार पोर्टल के नियम अनुसार वही अभ्यर्थी पोर्टल पर रजिस्टर कर सकते हैं जो मध्य प्रदेश के रहवासी होंगे। पोर्टल पर सिर्फ मध्यप्रदेश के जिलों के नाम ही अंकित हैं जिसके कारण मध्यप्रदेश के बाहर के अभ्यार्थी अपना नाम पोर्टल पर रजिस्टर नहीं कर सकते।
याचिका में मांग की गई थी कि दूसरे राज्य के उम्मीदवारों के लिए आवेदन पत्र जमा करने उचित अवसर किया जाए और इसके लिए परीक्षा की तिथि में परिवर्तन किया जाए। सरकार की तरफ से इसका विरोध करते हुए युगलपीठ को बताया गया कि 30 दिसंबर को विज्ञापन जारी किया गया था और आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि एक मार्च 2022 रखी गई थी। परीक्षा की अंतिम तिथि समय-समय पर बढ़ाये जाने के बावजूद भी याचिकाकर्ताओं ने किसी प्रकार की कोई आपत्ति प्रस्तुत नहीं की। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि पूर्व में एमपीपीएससी द्वारा आयोजित अन्य परीक्षा में संशोधन के आदेश जारी कि थे। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए हैं। याचिका पर अगली सुनवाई 13 जून को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी की।
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