भोपाल। मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए जितने नवाचार शुरू किए हैं, उनका असर दिखने लगा है। देश में बेरोजगारी की दर जहां 7.8 प्रतिशत है, वहीं मप्र की बेरोजगारी दर घटकर 0.8 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने बेरोजगारी के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसमें यह तथ्य सामने आया है। सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में भारत में बेरोजगारी दर चार साल के निचले स्तर 6.43 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर में बढ़कर 7.77 प्रतिशत हो गई है। वहीं नवंबर में यह और बढ़कर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसमें शहरी क्षेत्रों के मुकाबले गांवों की स्थिति ज्यादा खराब है। सीएमआईई के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.21 फीसदी रही तो ग्रामीण इलाकों में यह बढ़कर 8.4 फीसदी हो गई है।
25 राज्यों में मप्र की स्थिति सबसे अच्छी
सीएमआईई के पास कुल 25 राज्यों के डेटा उपलब्ध हैं। इन 25 में से 6 राज्यों के आंकड़े दहाई अंकों में दर्ज किए गए हैं। ये छह राज्य, बिहार 14.5 प्रतिशत, हरियाणा 31.8 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर 22.4 प्रतिशत, झारखंड 16.5 प्रतिशत, राजस्थान 30.7 प्रतिशत और त्रिपुरा 10.5 प्रतिशत हैं। वहीं देश के नौ राज्यों में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत के मुकाबले ज्यादा रही। वहीं मप्र की स्थिति सबसे बेहतर है। आंकड़ों के मुताबिक, मप्र में सबसे कम बेरोजगारी दर 0.9 प्रतिशत, इसके बाद छत्तीसगढ़ में 0.9 प्रतिशत, ओडिशा में 1.1 प्रतिशत और गुजरात में 1.7 प्रतिशत है। वहीं अक्टूबर माह में हरियाणा राज्य में सबसे अधिक बेरोजगारी दर 31.8 प्रतिशत रही। इसके बाद राजस्थान 30.7 प्रतिशत और जम्मू और कश्मीर 22.4 प्रतिशत का स्थान है। वहीं बिहार व झारखंड की स्थिति लगभग एक जैसी है।
मप्र में 3 साल में सबसे कम बेरोजगारी
शिवराज सिंह चौहान ने जब से मुख्यमंत्री के तौर पर चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं उनका सबसे अधिक फोकस रोजगार पर रहा है। यही कारण है की मप्र में पिछले 3 साल के दौरान बेरोजगारी लगातार कम हो रही है। इस साल अक्टूबर में जहां बेरोजगारी दर घटकर 0.8 फीसदी हो गई है, वहीं सितंबर में 0.9 फीसदी थी। इस साल जनवरी में महंगाई दर 3.0 फीसदी थी तो, फरवरी में 2.8 फीसदी, मार्च-अप्रैल में 1.6 फीसदी, मई में 1.7 फीसदी, जून में 0.5 फीसदी, जुलाई में 1.9 फीसदी, अगस्त में 2.6 फीसदी थी।
ग्रामीण इलाकों में ज्यादा बेरोजगारी
वहीं देश की बात करें तो ग्रामीण बेरोजगारी दर सितंबर में 5.84 प्रतिशत से बढ़कर 8.04 प्रतिशत हो गई, जबकि शहरी बेरोजगारी दर पिछले महीने के 7.7 प्रतिशत की तुलना में कम होकर 7.21 प्रतिशत हो गई। सीएमआईई के अनुसार बेरोजगारी दर के मामले में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड में हालात कुछ बेहतर हैं। यूपी में यह 4.2, दिल्ली में 6.7 और उत्तराखंड में 3.4 फीसदी रही है। एक्सपर्ट के अनुसार, कृषि क्षेत्रों में रोजगार पिछले एक साल से गिर रहा है। सीएमआईई के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर 2021 में यह 16.4 करोड़ के शिखर पर पहुंच गया था। लेकिन सितंबर 2022 में यह तेजी से गिरकर 13.4 करोड़ के निचले स्तर पर आ गया। वहीं अक्टूबर 2022 में यह कुछ सुधार के साथ 13.96 करोड़ पर आ गया लेकिन फिर भी यह पिछले चार साल में किसी भी अक्टूबर में देखा गया सबसे कम कृषि रोजगार है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved