– प्रदेश में 100 करोड़ की लागत से स्थापित होगा मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष, मुख्यमंत्री महिला उद्यम शक्ति योजना होगी प्रारंभ
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) ने महिला सशक्तिकरण (women empowerment) में नया इतिहास रचा है। मध्यप्रदेश में आजीविका मिशन में महिलाओं के स्व-सहायता समूहों ने महिलाओं के सशक्तिकरण में क्रांति की है। आज महिला स्व-सहायता समूह पोषण आहार निर्माण, गणवेश निर्माण, फ्लाई एश से ईंट निर्माण, समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी, राशन दुकानों का संचालन आदि अनेक कार्य कर रहे हैं। देवास में आज प्रारंभ किये जा रहे पोषण आहार संयंत्र में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा पोषण आहार बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को देवास में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला स्व-सहायता समूहों के हितलाभ वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद जेपी नड्डा ने महिला स्व-सहायता समूहों को पोषण आहार संयंत्र की चाबी सौंपी। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों को बैंक लिंकेज के माध्यम से 300 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया। जल जीवन मिशन में कार्य करने के लिये महिलाओं को टूल किट प्रदाय किये गये। महिलाओं के संकुल स्तरीय संगठनों को पुरस्कृत किया गया। स्व-सहायता समूह की सफलता की कहानियों की पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ बेटियों के पूजन के साथ हुआ।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आज प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिये 4 महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। प्रदेश में महिला वित्त विकास निगम का सुदृढ़ीकरण किया जायेगा, दूसरा-प्रदेश में 100 करोड़ रुपये की लागत से मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष स्थापित होगा, तीसरा-मुख्यमंत्री महिला उद्यम शक्ति योजना प्रारंभ होगी और चौथा-इंदौर एवं भोपाल में महिला उद्यम प्रोत्साहन के लिये इंडस्ट्रियल पार्क बनाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा में देश में अदभुत कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, प्रधानमंत्री आवास की महिलाओं के नाम से रजिस्ट्री, उज्ज्वला कनेक्शन, राशन प्रदाय, आजीविका मिशन आदि सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश आगे है। मध्यप्रदेश में पैदा होने से अंतिम साँस लेने तक बहन-बेटियों का पूरा ध्यान सरकार रखती है। प्रदेश में 41 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मी है, जो पैदा होते ही लखपति हो जाती है। बेटियों के कॉलेज में प्रवेश पर उन्हें 25 हजार रुपये तथा प्रतिवर्ष 5 हजार रुपये अध्ययन के लिए दिये जा रहे हैं। साथ ही मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि पाठ्यक्रमों की फीस भी सरकार भरती है। आगामी अप्रैल माह से बेटियों की शादियाँ सरकार धूमधाम से कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिये मध्यप्रदेश में स्थानीय निकायों के चुनाव एवं शासकीय शिक्षकों की भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण तथा पुलिस विभाग में 30 प्रतिशत एवं अन्य भर्तियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।
मजदूर से बनी मालिक
प्रारंभ में पोषण आहार संयंत्र की अध्यक्ष दुर्गा बाई परमार ने कहा कि पहले मैं मजदूर का कार्य करती थी। वर्ष 2017 से आजीविका मिशन में स्व-सहायता समूह बनाकर कार्य प्रारंभ किया। आज मैं मजदूर से मालिक बनी हूं। कार्यक्रम में दुर्गाबाई परमार एवं अंतर बाई चौहान ने संयंत्र में निर्मित पोषण आहार के पैकेट्स अतिथियों को भेंट किये। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता मुरलीधर राव, प्रभारी मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, कृषि मंत्री कमल पटेल, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री रामखेलावन पटेल, सांसद वीडी शर्मा, महेन्द्र सिंह सोलंकी, ज्ञानेश्वर पाटिल, विधायक गायत्री राजे पवार उपस्थित रहीं। (एजेंसी, हि.स.)
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