भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh)ने ऑक्सीजन की समस्या (Problem of oxygen) के दीर्घकालीन निदान के लिए ऑक्सीजन उत्पादन (Production of oxygen) करने वाली इकाइयों को अधिकतम 75 करोड़ रुपये (Rs 75 crore) तक की सहायता का विशिष्ट पैकेज प्रदान करने का (Decision to provide specific package) निर्णय लिया है। इस संबंध में प्रशासन ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। योजना का लाभ नवीन इकाइयों, पूर्व से संचालित इकाइयों, मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों और नर्सिंग होम (Hospitals and Nursing homes) को भी मिल सकेगा। उक्त बातें राज्य के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (State Home Minister, Dr. Narottam Mishra) ने कहीं।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि प्रदेश मेडिकल ऑक्सीजन में आत्मनिर्भर बने। इसीलिए यह निर्णय लिया गया है कि प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता वृद्धि के लिये प्रोत्साहन हेतु विशिष्ट पैकेज अंतर्गत प्रदेश में न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता की इकाइयों को यंत्र एवं संयंत्र तथा भवन ( रिहायशी इलाकों को छोड़कर) में किये गये पूंजी निवेश पर 50 प्रतिशत की स्थिर दर से मूल निवेश प्रोत्साहन सहायता दी जाए।
उन्होंने बताया कि इसके तहत अधिकतम 75 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की जाएगी। इकाईयों को प्रचलित विद्युत टेरिफ पर एक रूपये प्रति यूनिट की छूट दी जायेगी। उक्त छूट एमपीईआरसी द्वारा दी जा रही छूट, यदि कोई हो, के अतिरिक्त एक रूपये प्रति यूनिट होगी। इसकी प्रतिपूर्ति एमएसएमई या एमपीआईडीसी द्वारा पात्र इकाईयों को की जायेगी।
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा का कहना यह भी था कि इकाइयों द्वारा सुरक्षा मानकों में किए गए व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम एक करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस सुविधा का लाभ वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ दिनांक से लघु सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए 3 वर्षों में तीन किश्तों में तथा वृहद उद्योगों को पांच वर्षों में पाँच किश्तों में मिल सकेगी।
उन्होंने बताया कि विशिष्ट पैकेज योजना से प्रदेश में अधिकतम स्थानों पर ऑक्सीजन उत्पादन संबंधी इकाइयां लगाई जा सकेंगी और पूर्व संचालित इकाइयों का विस्तार भी निश्चित तौर पर होगा। इससे ऑक्सीजन संबंधी समस्या का न केवल तात्कालिक अपितु दीर्घकालिक निदान भी हो सकेगा।
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