चित्रकूट! पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि रामपथ वन गमन मार्ग का विकास राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। रामपथ वन गमन मार्ग को तीन चरणों मे पूरा किया जाएगा। पहले चरण में कामदगिरि परिक्रमा, दूसरे चरण में चित्रकूट की 84 कोशी परिक्रमा के स्थल और तीसरे चरण में रामपथ वन गमन के अन्य महत्व के स्थलों को विकसित किया जाएगा। सुश्री ठाकुर चित्रकूट में उद्यमिता विद्यापीठ में ईको टूरिज्म, मंदाकिनी घाट और रामपथ वन गमन योजना के संबंध में समीक्षा बैठक ले रही थीं। मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि रामपथ वन गमन मार्ग प्रोजेक्ट का डीपीआर तैयार करते समय स्थानीय मानस, साधू-संतों, स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से राय लेकर कंप्लीट और कंपोजिट प्लान बनाये। कलेक्टर स्वयं हर पंद्रह दिन मे संबंधित विभागों की बैठक लेकर प्रगति की समीक्षा करे।
सुश्री ठाकुर को बताया गया कि मध्यप्रदेश के भाग मे रामपथ वन गमन के विकास की शुरुआत एक साथ चित्रकूट और अमरकंटक दोनों ओर से की जाएगी। प्रस्तावित रामपथ वन गमन मार्ग चित्रकूट से प्रारंभ होकर सतना, पन्ना, अमानगंज, कटनी, जबलपुर, मण्डला, डिंडोरी और शहडोल होते हुए अमरकंटक पर पूर्ण होगा। आध्यात्म विभाग के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को रामपथ वन गमन विकास कार्यों की एजेंसी बनाया गया है। योजना के प्रथम चरण में रामपथ वन गमन मार्ग के निर्माण की फिजीबिलिटी रिपोर्ट और डीपीआर बनाने के लिए आध्यात्म विभाग द्वारा एक करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। साथ ही प्रथम किश्त के रूप मे 50 लाख रुपए आवंटित किए गये है, जिसकी निविदा आमंत्रित की गई है।
मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने समीक्षा बैठक के बाद प्रस्तावित स्थलों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने मंदाकिनी घाट के निरीक्षण के दौरान घाट में आमजन की सुरक्षा के लिए रेलिंग लगाने और घाटों की नियमित सफाई के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए। मंत्री सुश्री ठाकुर ने आमजन की माँग पर उत्तर प्रदेश के घाटों मे होने वाली गंगा शयन आरती की तर्ज पर मंदाकिनी घाट पर भी नियमित और व्यवस्थित गंगा शयन आरती की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
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