भोपाल । कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी (Congress State President Jeetu Patwari) ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) पक्षपातपूर्ण संकीर्ण राजनीति कर रही है (Is doing Partisan Narrow Politics) । जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर कांग्रेस विधायकों को विकास निधि दिए जाने में भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पटवारी ने मुख्यमंत्री यादव को पत्र लिखते हुए कहा, “राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में विकास निधि के आवंटन में गंभीर भेदभाव किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए 15 करोड़ रुपये की निधि प्रदान की जा रही है, जबकि कांग्रेस पार्टी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्रों को इस विकास निधि से वंचित रखा जा रहा है। यह न केवल जनप्रतिनिधियों के साथ अन्याय है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादाओं का भी खुला उल्लंघन है।”
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा है कि सरकार पक्षपातपूर्ण संकीर्ण राजनीति कर रही है। कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में जनता भी निवास करती है, जो करदाता हैं और जिन्हें समान रूप से सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों का लाभ मिलना चाहिए। यदि एक लोकतांत्रिक सरकार ही अपने दायित्वों का निर्वहन भेदभाव के आधार पर करने लगे, तो इससे जनता का विश्वास प्रणाली से उठ जाएगा।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पटवारी ने आरोप लगाया है कि भाजपा के विधायकों को मिलने वाली इस निधि का 30-40 प्रतिशत हिस्सा पहले ही भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में चला जाता है। इसके बाद भी नौकरशाही और ठेकेदारी के स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार और कमीशन का बोलबाला है, जिससे जनता के विकास के नाम पर स्वीकृत धन का बहुत कम अंश वास्तविक कार्यों में लगता है। उन्होंने आगे कहा, “यदि मोटे तौर पर अनुमान लगाया जाए तो एक लाख रुपये में से करीब 65 से 70 हजार रुपये भ्रष्टाचार और कमीशन में चले जाते हैं और केवल 30-35 प्रतिशत राशि विकास के नाम पर खर्च होती है। यह बेहद चिंताजनक और निंदनीय स्थिति है, जिससे मध्य प्रदेश की छवि देश के सबसे भ्रष्ट राज्य के रूप में बन रही है।”
पटवारी ने मांग की है कि सभी विधायकों को, चाहे वे किसी भी दल से हों, समान रूप से 15 करोड़ रुपये की विकास निधि प्रदान की जाए। निधि के आवंटन और व्यय की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए, ताकि भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी पर रोक लगाई जा सके। जिन अधिकारियों और ठेकेदारों पर कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उनकी निष्पक्ष जांच कर कठोर कार्रवाई की जाए।
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी विकास निधि दिए जाने में भेदभाव बरते जाने का आरोप लगाया है। यह बात सदन में भी कही है। मुख्यमंत्री यादव ने भाजपा विधायकों को आश्वासन दिया था।
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