भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) झूठी ब्रांडिंग कर (By False Branding) अपनी पीठ थपथपाने में लगी है (Is busy patting itself on the Back) । मध्य प्रदेश के विभिन्न सेक्टर में आ रही गिरावट को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार झूठी ब्रांडिंग कर अपनी पीठ थपथपाने में लगी है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की गिरती रैंकिंग को लेकर सोमवार को एक्स पर लिखा, “क्या मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रदेश को हर मोर्चे पर सबसे पीछे करने की कसम खा ली है?” कमलनाथ ने आगे लिखा, “पहले खबर आई कि मध्य प्रदेश का शिक्षा बोर्ड देश में सबसे खराब प्रदर्शन वाले राज्यों में पहुंच गया है और अब खबर है कि मध्य प्रदेश निर्यात के मामले में 13वें स्थान से लुढ़ककर 15वें स्थान पर पहुंच गया है।” अन्य क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कमल नाथ ने कहा, उधर महिला सुरक्षा, दलित और आदिवासी सुरक्षा के मामले में मध्य प्रदेश का रिकॉर्ड और भी खराब हो गया है। स्वास्थ्य शिक्षा का हाल यह है कि मध्य प्रदेश की पहचान व्यापम और नर्सिंग जैसे घोटालों से होने लगी है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से सवाल किया कि समाज की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था, हर पहलू पर इतनी नाकामी क्यों हासिल हो रही है? इससे बढ़कर चिंता की बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार इन सारे विषयों पर एकदम चुप है। क्या जनता के विकास के ये सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर सरकार की प्राथमिकता से बाहर हो गए हैं? ऐसा लगता है कि मध्य प्रदेश की सरकार ने जमीनी सच्चाई से पूरी तरह पीठ फेर ली है और प्रदेश को उसके हाल पर छोड़ कर, खुद सिर्फ झूठी ब्रांडिंग से अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त हो गई है।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर पर जो रिपोर्ट सामने आई है उनमें मध्य प्रदेश की स्थिति में बीते सालों के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है। इसी को लेकर कांग्रेस हमलावर है। इससे पहले बोर्ड परीक्षाओं को लेकर आई रिपोर्ट पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी सरकार पर हमला कर चुके हैं। इतना ही नहीं नर्सिंग कॉलेज घोटाला भी सामने आया है। इस घोटाले की जांच में लगी सीबीआई के अधिकारी भी संदिग्ध हो गए हैं। इस घोटाले में शामिल कॉलेज से जुड़े लोगों के साथ जांच अधिकारी भी जेल में हैं।
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