डेस्क: तेज होते किसान आंदोलन के बीच संयुक्त किसान मोर्चा (Smyukt Kisan Morcha ने अब मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार को निशाने पर लिया है. एसकेएम ने खुद से जुड़े किसान नेताओं की गिरफ्तारी और रिमांड के कदम की निंदा की है. एसकेएम ने प्रदेश सरकार से सभी हिरासत में लिए गए किसान नेताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की है. एसकेएम का कहना है कि संविधान में निहित लोगों के विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकारों के खिलाफ काम करने के लिए सीएम मोहन यादव की कड़ी आलोचना करता है. एसकेएम के अनुसार, यह गिरफ्तारी 16 फरवरी 2024 को ग्रामीण बंद और औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल के संदर्भ में है, जो एसकेएम और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, स्वतंत्र/क्षेत्रीय महासंघों, संघों के संयुक्त मंच द्वारा संयुक्त आह्वान है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश के एसकेएम राज्य नेतृत्व की रिपोर्ट के अनुसार, किसान संघर्ष समिति की उपाध्यक्ष अधिवक्ता आराधना भारद्वाज को मुलताई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और बैतूल जेल में भेज दिया गया है. एमपी किसान सभा के उपाध्यक्ष राम नारायण कुरारिया को सिवनी जिले के लखनादौन में गिरफ्तार किया गया और रिमांड पर लिया गया. बीकेयू (टिकैत) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव, श्योपुर के जिला अध्यक्ष हरपाल सिंह और 150 अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. अखिल भारतीय जनवादी महिला एसोसिएशन की नेता एडवोकेट अंजना कुरारिया को भी जबलपुर पुलिस ने हिरासत में ले लिया. आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच के नेता अनिल सल्लम को शिवानी जिले में गिरफ्तार कर लिया गया है.
संयुक्त किसान मोर्चा का यह भी दावा है कि रीवा में एसकेएम के जिला संयोजक एडवोकेट शिव सिंह, किसान सभा के जिला सचिव रामजीत सिंह, इंद्रजीत सिंह, शंभू समेत सात कार्यकर्ताओं को रीवा में रिमांड पर लिया गया है. किसान संघर्ष समिति ग्वालियर के जिला उपाध्यक्ष शत्रुघ्नन यादव को उटीला थाने में गिरफ्तार कर लिया गया है. इसी तरह छिंदवाड़ा में भी किसान संघर्ष समिति के सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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