-मुख्यमंत्री ने एयरफोर्स से मदद मांगी, जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
भोपाल (Bhopal)। राजधानी भोपाल (Capital Bhopal) में मंत्रालय के पास सचिवालय (सतपुड़ा भवन) (Secretariat (Satpura Bhawan)) में सोमवार शाम करीब चार बजे अचानक आग लग गई। तीसरी मंजिल पर लगी आग (fire on third floor) ने देखते ही देखने विकराल रूप ले लिया। आग ने चौथी-पांचवीं मंजिल को भी अपनी चपेट में ले लिया। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हैं, लेकिन छह घंटे बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) से मदद मांगी है। रक्षा मंत्री के निर्देश पर रात में एएन 32 विमान और एमआई 15 हेलिकॉप्टर भोपाल पहुंचेंगे, जो आग बुझाने में मदद करेंगे। भोपाल का राजाभोज एयरपोर्ट रातभर खुला रहेगा।
मुख्यमंत्री चौहान के निर्देश पर सतपुड़ा भवन के जनजातीय विकास योजनाएं संचालनालय में लगी आग की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा सतत मॉनीटरिंग भी की जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार ने बताया कि आग प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट से शुरू हुई। आग की वजह से एसी का कम्प्रेशर भी फट गया और आग फैलती चली गई। गनीमत यह रही कि आग से कोई जनहानि नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय जांच समिति में अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव नगरीय विकास नीरज मण्डलोई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग सुखवीर सिंह, एडीजी फायर आशुतोष राय को शामिल किया गया है। समिति जांच के प्रारंभिक कारणों का पता कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री चौहान को सौंपेगी।
खबर लिखे जाने तक आग पर काबू पाने के प्रयास जारी हैं। प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और आग पर काबू पाने की कार्यवाही में जुटे हैं। सतपुड़ा भवन में लगी आग को बुझाने के लिये मंत्रालय फायर स्टेशन के पांच, नगर निगम के चार, सीआईएसएफ (बीएचईएल) के दो दमकल वाहनों के अतिरिक्त मण्डीदीप, रायसेन के सात एवं वर्धमान इण्डस्ट्री का एक दमकल वाहन भी निरंतर कार्य कर रहा है। ऑर्मी के दो फायर फायटर और 8 से 10 वाटर बाउजर भी आग बुझाने में लगे हैं। एनडीआरएफ, एयरपोर्ट अथॉरिटी और बीएचईएल की टीम निरंतर जुटी हुई है। आग बुझाने के अत्याधुनिक उपकरणों के साथ प्रशिक्षित दस्ते द्वारा कार्य किया जा रहा है।
दरअसल, सतपुड़ा भवन में कई विभागों के दफ्तर हैं, जिनमें रखे दस्तावेज जलकर राख हो गए। बताया गया है कि चौथी मंजिल में स्वास्थ्य विभाग की शिकायत शाखा में ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त में कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायतों और जांच समेत अन्य फाइलें और दस्तावेज रखे थे, जिनके जलने का अनुमान है।
सतपुड़ा भवन में आग सबसे पहले थर्ड फ्लोर पर लगी। इस फ्लोर पर अनुसूचित जनजाति क्षेत्रीय विकास योजना का दफ्तर है। यहां से आग चौथे, पांचवें और छठे फ्लोर तक पहुंची। इन तीनों फ्लोर पर स्वास्थ्य संचालनालय के दफ्तर हैं। घटना की मुख्यमंत्री चौहान खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनके निर्देश पर प्रशासन ने नगर निगम के साथ आर्मी, आईओसीएल, बीपीसीएल, एयरपोर्ट, सीआईएसएफ, भेल, मंडीदीप और रायसेन से फायर ब्रिगेड की टीम बुलाई है।
कांग्रेस ने जताई साजिश की आशंका
कांग्रेस ने सतपुड़ा भवन में लगी आग के पीछे साजिश की आशंका जताई है। पूर्व मंत्री अरुण यादव ने ट्वीट कर कहा कि आग के बहाने घोटालों के दस्तावेज जलाने की साजिश तो नहीं। वहीं, पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा है कि किसी भी राज्य में चुनाव से पहले सरकारी रिकॉर्ड भवन में अगर आग लग जाए, तो समझो सरकार गई। गुनाह मिटा दिए गए। शिवराज जी और उनकी सरकार की चला चली की बेला है…।
आम आदमी पार्टी के अतुल शर्मा ने कहा कि सतपुड़ा भवन में लगी आग से सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आग लगी या लगाई गई है। सरकार के जाने से पहले सारी गड़बड़ियों और घोटालों के सबूत मिटा दिए गए हैं।
कांग्रेस राजनीति कर रहीः भाजपा
इधर, सतपुड़ा भवन में आग को लेकर हुई बयानबाजी पर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि ये गिद्ध रूपी चारित्रिक कांग्रेस है। इसे लाशों पर राजनीति करने में मजा आता है। दुर्घटनावश लगी आग पर मखौल उड़ाने में मजा आता है। ये अपने आप में दुखद हैं। आग पर काबू पाने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री निगरानी कर रहे हैं। जल्द ही, आग पर काबू पा लिया जाएगा।
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