भोपाल । मध्य प्रदेश के लिए वर्ष 2020 बहुत ही अच्छे और बुरे अनुभव देकर गया है। एक ओर जहां कोरोना जैसी महामारी ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था के साथ सामाजिक तोनेबाने को छिन्न-भिन्न कर दिया वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिर से सत्ता संभालते ही गरीबों के हित में निर्णय लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण लिये, जिनमें एक खास निर्णय पुन: ”संबल योजना” का शुरू करना रहा है, जिसे कांग्रेस राज में बंद कर दिया गया था।
मध्य प्रदेश में गरीब वर्ग की जन्म से लेकर मृत्यु तक होने वाले व्यय की जिम्मेदारी शासन उठाता है। मुख्यमंत्री चौहान की संवेदनशील सोच से उपजी संबल योजना में यह सब कवर होता है। गरीबों के प्रति हमेशा मन में चिंता लिये चौहान यह चाहते हैं कि प्रदेश का कोई भी गरीब परिवार असहाय स्थिति में किसी के आगे न गिड़गिड़ाये। इसलिए गरीब परिवार के घर में होने वाली प्रसूति, बच्चे का जन्म, बच्चों की पढ़ाई के साथ परिवार के किसी सदस्य की दुर्घटना में मृत्यु, सामान्य मृत्यु, दुर्घटना में हुई स्थाई और अस्थाई अपंगता के साथ अंत्येष्टि सहायता भी संबल योजना में उपलब्ध करवाई जाती है।
मुख्यमंत्री चौहान संबल योजना को न्याय का माध्यम मानते हैं। उनका कहना है कि जो धन कमाते हैं, सरकार उनसे टैक्स लेती है और उससे गरीब जरूरतमंदों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाती है। यही सामाजिक न्याय है, जो हमारे देश में वर्षों से चला आ रहा है। गरीब भगवान का स्वरूप है और उनकी सेवा भगवान की पूजा के समान है। इसी उद्देश्य से प्रदेश में संबल योजना का प्रावधान किया गया।
दरअसल, संबल योजना में पहले कार्ड बने थे। योजना शुरू होते ही सभी पंजीकृत हितग्राहियों को लाभ मिलने लगा है। संबल योजना ऐसी है जो जन्म से जीवन पर्यन्त तक हितग्राहियों को लाभ पहुँचाती है। संबल योजना के पात्र बहन को बेटा, बेटी जन्म देने के पहले 4 हजार रुपये और जन्म देने के बाद 12 हजार रुपये उनके खाते में दिये जाते हैं। यह सहायता बहनों को आराम करने का अवसर देती है और पोषण आहार भी मिलता है। इस योजना में बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था भी की गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज प्रदेश में बच्चों के मामा कहे जाते हैं। संबल में पढ़ाई की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। किताबें, आठवीं तक यूनिफार्म् और मध्याह्न भोजन की व्यवस्था रहती है। मुख्यमंत्री ने एक नई योजना इसमें जोड़ी है, संबल परिवार के ऐसे बच्चे जो 12वीं में मेरिट में आते है ऐसे 5 हजार बच्चों को 30 हजार रुपये प्रति विद्यार्थी अलग से दिये जा रहे हैं ।
मुख्यमंत्री चौहान का कहना है कि मेडिकल, इंजीनियरिंग, आईआईटी, आईआईएम में गरीब बच्चों का चयन हो जाता है तो फीस भरना उसके बूते की बात नही हैं, इसलिए सरकार फीस की व्यवस्था करती है। पढ़ाई के साथ ही खेल में बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना शुरू की गई है, इसके अंतर्गत संबल परिवार के बच्चों जो ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी कॉम्पिटिशन या राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे उन्हें 50 हजार प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की गई है।
संबल योजना में गरीबों को सस्ते दर पर बिजली तथा बीमारी के लिए सहायता भी दी जाती है। पंजीकृत व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रुपये की राशि परिवार के सहारे के लिए दी जाती है। सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रुपये, अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रुपये की व्यवस्था संबल में की जाती है। आंशिक स्थाई अपंगता पर भी आर्थिक सहायता संबल के तहत मिलती है। संबल गरीब के लिए एक पूरा पैकेज है, ऐसी योजना देश में किसी भी राज्य में नही हैं। समाज में नीचे खड़े व्यक्ति को बराबर पर खड़े करने के लिए यह योजना एक संबल है। एजेंसी
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