भोपाल। परिवहन आयुक्त के पद से हटने के बाद वी मधुकुमार लोकायुक्त के शिकंजे में फंसते दिखाई दे रहे है। तीन दिन पहले उनका अधीनस्त अफसरों से लिफाफा लेते हुए वीडियो वायरल होने के बाद राज्यकार ने उन्हें पुलिस मुख्यायल पदस्थ कर दिया है। इसी वीडियो को मासिक रिश्वत मानते हुए लोकायुक्त ने जांच शुरू कर दी है। जल्द ही इस संबंध में वी मधुकुमार को नोटिस जारी किया जाएगा। लोकायुक्त द्वारा की गई इस कार्रवाई को वी मधुकुमार की लोकायुक्त में रहते संगठन के पदाधिकारियों के साथ हुई अनबन से जोड़कर देखा जा रहा है।
मधु कुमार का वीडियो उस समय का बताया जा रहा है, जब वे उज्जैन के आईजी थे। हालांकि वीडियो वायरल करने के पीछे नौकरशाही की ही साजिश बताई जा रही है। बताया गया कि वीडियो विदेशी नंबरों से सोशल मीडिया में वायरल किए गए थे। वीडियो वायरल होने के कुछ घंटों बाद ही मधु कुमार को मलाईदार विभाग से हटाकर पुलिस मुख्यालय भेज दिया। अब देखना यह है कि लोकायुक्त मधुकुमार को पूछताछ के लिए बुलाती है य नहीं। साथ ही उन अफसरों से भी पूछताछ की जाएगी जो मधु कुमार को लिफाफा दे रहे थे और चरणवंदना करते दिखाई दे रहे।
परिवहन आयुक्त बनवाने में भी सफल रहे सिंधिया
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विभाग बंटवारे को लेकर भी भाजपा और सिंधिया के बीच खींचतान चली थी। लेकिन मलाईदार माने जाना परिवहन विभाग सिंधिया अपने समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को दिलाने में सफल रहे। परिवहन आयुक्त हटने के बाद भी कई अफसरों के नाम चले थे, लेकिन सिंधिया अपनी करीबी अफसर मुकेश जैन को मलाईदार कुर्सी दिलवाने में सफल रहे हैं। नए परिवहन आयुक्त के सामने कई चुनौती हैं। जिसमें पार्टी और नेताओं की अपेक्षाओं पर खरा उतरना सबसे बड़ी चुनौती है।
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