ग्वालियर: सिंधिया परिवार की राजमाता (Queen Mother of Scindia Family) माधवी राजे सिंधिया (Madhavi Raje Scindia) के अंतिम संस्कार के बाद आज शुक्रवार को उनका अस्थि संचय किया गया. कटोरा ताल स्थित अम्मा महाराज की छतरी (Amma Maharaj’s umbrella located at Katora Tal) पर सिंधिया परिवार अस्थि संचय के लिए पहुंचा. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी मां राजमाता की अस्थि संचय की. सिंधिया परिवार के राजपुरोहितों ने राजसी परंपरा के तहत विधि विधान से पूजन कराया. सिंधिया ने विधि विधान से पूजन करने के बाद अपनी माता की अस्थियां एकत्रित की.
राजमाता की अस्थियों को तीन कलशों में रखा गया है. यह सभी कलश राजसी परंपरा के तहत 9 दिनों तक पेड़ पर बांधे जाएंगे. दसवे दिन इन कलशों को उज्जैन, प्रयागराज और महाराष्ट्र के कन्हेरखेड गांव भेजा जाएगा. जहां राजसी परम्परा के तहत अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा. बता दें कि सतारा जिले में स्थित कन्हेरखेड सिंधिया परिवार का पैतृक गांव है. कान्हेरखेड़ गांव के रहने वाले पाटिल राणोजी ने सिंधिया राजघराने की स्थापना की थी.
राजमाता माधवी राजे सिंधिया को श्रद्धांजलि देने के लिए ग्वालियर में उमड़ी लाखों की भीड़ देखने को मिली. इस दौरान देश के कोने कोने से लोग आए. अंतिम संस्कार के दौरान पूरा सिंधिया परिवार मौजूद रहा. कई वीआईपी भी शामिल हुए. ग्वालियर में अंतिम दर्शन करने मुख्यमंत्री मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, मंत्री प्रह्लाद पटेल सहित अनेक विपक्ष के नेता हुए शामिल.
बता दें कि सुबह से ही लोग अंतिम दर्शन के लिए आए थे और 11:45 से शुरू अंतिम दर्शन में लाखों लोगों ने राजमाता के चरणों को प्रणाम कर अंतिम विदाई दी गई. ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, बेटे महानआर्यमन सिंधिया संग सिंधिया परिवार के अनेक सदस्य जैसे ज्योतिरादित्य की बहन चित्रांगना सिंह, बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया, यशोधरा राजे सिंधिया सहित सिंधिया परिवार और मराठा समाज के अनेक सदस्य मौजूद थे.
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