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    अभी जेल में ही रहेगा मद्दा, ईडी मामले में नहीं मिली है जमानत

  • July 19, 2024

    • फिलहाल हॉस्पिटल में उपचार के लिए है भर्ती, मेडिकल ग्राउंड पर ही कल्पतरु संस्था मामले में हाईकोर्ट से मिली है जमानत

    इंदौर। बहुचर्चित भूमाफिया दीपक जैन मद्दा बीते 15 महीने से जेल में बंद है और पिछले दिनों हृदय सहित अन्य बीमारियों के चलते उसे हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां वह उपचाररत है। मेडिकल ग्राउंड पर ही अभी हाईकोर्ट ने कल्पतरु गृह निर्माण के फर्जीवाड़े में गिरफ्तार हुए मद्दा को जमानत का लाभ दिया है और एक लाख रुपए मुचलका भरने को भी कहा है। मगर अभी मद्दा को जेल में ही रहना पड़ेगा, क्योंकि ईडी के मामले में उसे अभी जमानत नहीं मिली है। उसमें भी जमानत के प्रकरण पर संभवत: इसी हफ्ते सुनवाई होना है। लगभग एक दर्जन मामलों में पुलिस प्रशासन ने मद्दा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी।

    शहर की कई गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों को हड़पने और भूखंड पीडि़तों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में शासन द्वारा चलाए गए ऑपरेशन भूमाफिया के तहत मद्दा की भी गिरफ्तारी हुई थी। दरअसल, हिना पैलेस से लेकर देवी अहिल्या, सूर्या गृह निर्माण, त्रिशला, कल्पतरु सहित एक दर्जन से अधिक संस्थाओं में उसने फर्जीवाड़े किए और पिछले साल कल्पतरु मामले में ही उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कुछ मामलों में उसने अग्रिम जमानत का लाभ भी ले लिया था, मगर उसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मद्दा के खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए उसके घर पर छापा भी मारा और संपत्तियों को अटैच करने के साथ उसकी गिरफ्तारी भी कर ली। इसके बाद पिछले 15 महीने से मद्दा जेल में ही बंद है। उसके द्वारा जमानत हासिल करने के कई प्रयास नाकाम भी साबित हुए।

    मगर कुछ दिनों पूर्व हृदय सहित अन्य बीमारियों के चलते उसे सरकारी अस्पताल एमवाय से जुड़े सुपर स्पेशलिटी में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है। दरअसल, मद्दा पहले से ही हृदय रोग की बीमारी से ग्रसित है और उसका ऑपरेशन भी हो चुका है। अभी जेल में बंद रहने के चलते अन्य बीमारियां भी हो गईं। नतीजतन मेडिकल ग्राउंड पर ही उसे जमानत का लाभ मिला है। कल्पतरु गृह निर्माण संस्था में किए गए फर्जीवाड़े के चलते मद्दा की गिरफ्तारी गत वर्ष हुई थी, जिसमें उस पर आरोप लगा कि उसने लगभग 5 हजार करोड़ रुपए की हेराफेरी की। हालांकि हाईकोर्ट ने जमानत के संबंध में जो आदेश जारी किया उसमें क्रिमिनल केस दर्ज करने पर सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि यह सिविल से जुड़ा मामला था। दरअसल, शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन ने गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों में हुए घोटालों के खिलाफ अभियान चलवाया, जिसमें मद्दा सहित अन्य भूमाफियाओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करवाई और कई पीडि़तों को भूखंडों के कब्जे भी दिलवाए और बिकी हुई जमीनों को रसूखदारों से सरेंडर भी करवाया गया। मद्दा के खिलाफ ईडी ने जो कार्रवाई की उसमें अभी उसे जमानत नहीं मिली है, जिसके चलते जेल की सजा कायम रहेगी। सूत्रों का कहना है कि अन्य प्रकरण में भी उसे जमानत लेना पड़ेगी। अभी तो सिर्फ कल्पतरु के मामले में ही जमानत का लाभ मिला है। वहीं ईडी वाले प्रकरण में भी जमानत के आवेदन पर सुनवाई होना है। मद्दा की ओर से उसके वकील विकास बाहेती ने इस बात की पुष्टि की कि उसे कल्पतरु मामले में जमानत मिल गई है और अभी वह उपचार के लिए हॉस्पिटल में भर्ती है।

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