1500 से अधिक मतदाताओं वाले केन्द्रों पर व्यवस्थाएं शुरू
इंदौर। 191 ऐसे मतदान केन्द्र (polling centers), जहां 1500 से अधिक मतदाता (Votar) सूची में शामिल थे, उन चिह्नांकित केन्द्रों ( centers) पर व्यवस्थाएं शुरू हो चुकी हैं। विधानसभावार (assembly wise) मशीनों (Machines) के वितरण (distributed) के साथ रेंडमाइजेशन (Randomization) की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
ऐसे मतदान केन्द्र, जहां 1500 से अधिक मतदाता बूथ पर मतदान के लिए आते थे, वहां सुविधाएं बढ़ाने के साथ-साथ भीड़ कम करने के लिए जिला प्रशासन ने 191 और मतदान बूथ बनाने की तैयारी कर ली है। आयोग को भेजे गए प्रस्ताव के बाद मंजूरी मिलते ही अधिकारियों ने इन केन्द्रों पर जहां चाक-चौबंद व्यवस्थाएं करना शुरू कर दी हैं, वहीं कल देर शाम मशीनों को विधानसभावार बांटने की प्रक्रिया भी पूरी कराई। पहले लेवल के रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया को पूरा करते हुए अधिकारियों ने विधानसभावार मशीनों का बंटवारा किया। जनप्रतिनिधियों के समर्थकों की मौजूदगी में प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।
27 अब भी बाकी
निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने इंदौर के मतदान केन्द्रों से सूची लेकर 1500 से अधिक मतदाता वाले केन्द्रों का चुनाव कर लिया था, जिनमें से प्रशासन ने 193 ऐसे केन्द्र निकालकर मतदाताओं की शिफ्टिंग शुरू कर दी थी। आयोग से अनुमति मिलते ही इन केन्द्रों पर तैनात की जाने वाली ईवीएम की स्थिति लगभग तय कर ली गई है। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब भी 27 ऐसे केन्द्र हैं, जहां 1500 से अधिक मतदाता दर्ज हैं, लेकिन उन्हें इस बार अपने ही बूथ पर मतदान करना होगा। अब उन्हें अगले किसी चुनाव में ही नए बूथ मिल सकेंगे।
14 प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न बांटे
देर शाम तक चली जद्दोजहद के बाद वे प्रत्याशी, जो चुनावी मैदान में डटे हुए हैं, उन्हें चुनाव चिह्न प्रदान कर दिए गए। कल हुई हंगामेदार नाम वापसी में अधिकारी ऐसे उलझे कि तीन बजे के बजाय शाम साढ़े पांच बजे तक नाम वापसी की प्रक्रिया और घोषणा ही कराते रहे। कई प्रत्याशियों ने जब आयोग के निर्देश और नियमों का हवाला दिया तो फिर चुनाव चिह्न बांटे गए।
लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया संविक्षा खत्म होने के बाद कल नाम वापसी की प्रक्रिया हंगामेदार रही। भाजपा में शामिल हुए अक्षय बम ने जैसे ही कांग्रेस की तरफ से अपना नामांकन लिया वैसे ही कलेक्टर कार्यालय में हंगामे की स्थिति बन गई। अक्षय के नामांकन वापस लेने के बाद कलेक्टोरेट में जैसे भाजपाइयों का तूफान आ गया और निर्दलीय सहित चुनाव में खड़े प्रत्याशियों को एक-एक कर उड़ा ले गए। लगभग पांच बजे तक चले हंगामे के कारण अधिकारी 14 प्रत्याशियों को चिह्न आवंटित करना ही जैसे भूल गए। कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने जब आवाज उठाई उसके बाद प्रक्रिया शुरू की गई और एक-एक प्रत्याशी को बुलाकर चिह्न सौंपे गए।
इन चिह्नों पर लड़ेंगे चुनाव
इंदौर लोकसभा में आमने-सामने की टक्कर देने वाले 14 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं। कल नामांकन वापसी के दौरान 9 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया। अब मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल के रूप में लालवानी और बहुजन समाज पार्टी को उनके राष्ट्रीय चिह्न मिले हैं। वहीं निर्दलीय नामांकन दर्ज करने वाले कॉमरेड अजीतसिंह बैटरी टार्च, पवनकुमार केतली, बसंत गेहलोत जनसंघ पार्टी फूलगोभी, अभय जैन निर्दलीय प्रत्याशी सेवफल, अयाज अली निर्दलीय नारियल फार्म, इंजीनियर अर्जुन परिहार चारपाई, अंकित गुप्ता बल्ला, परमानंद तोलानी सीसीटीवी कैमरा, एडवोकेट पंकज गुप्ते बल्लेबाज, मुदित चौरसिया रोड रोलर, रवि सिरवैया कैरम बोर्ड व लविश दिलीप खंडेलवाल को लैपटाप चुनाव चिह्न प्रदान किया गया है। ये प्रत्याशी इन चिह्नों से चुनाव लड़ेंगे।
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