नई दिल्ली। पिछले दो-तीन दशक में जिन गंभीर रोगों के मामले सबसे तेजी से बढ़ते हुए देखे गए हैं, कैंसर उनमें से एक है। कैंसर को सबसे घातक रोगों में से एक माना जाता है, इसके शिकार ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक समय पर रोग का निदान न हो पाना, मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। अगर कैंसर का पता शुरुआती चरणों में ही लगा लिया जाए तो रोग के गंभीर रूप लेने और इसके कारण होने वाली मौत के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आवश्यक है उन लक्षणों पर ध्यान देने की जिनके आधार पर कैंसर का शुरुआत में ही पता लगाया जा सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कैंसर कई प्रकार का होता है और शरीर के तमाम अंगों में कैंसर कोशिकाएं बढ़ सकती हैं। कैंसर के सभी प्रकारों में फेफड़े के कैंसर को सबसे घातक माना जाता है। दुनिया भर में हर साल लाखों लोगों को इससे अपनी जान गंवानी पड़ जाती है। बहुत अधिक धूम्रपान करने या हानिकारक रसायनों के संपर्क में रहने वाले लोगों में फेफड़ों के कैंसर विकसित होने का जोखिम अधिक होता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक प्रारंभिक चरण में फेफड़ों के कैंसर के लक्षणों की पहचान करना आम तौर पर कठिन होता है। कभी-कभी जब तक कि स्थिति उन्नत चरण में नहीं पहुंच जाती है तब तक इसका पता लगा पाना मुश्किल हो जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक फेफड़े के कैंसर के मामले में शरीर में कुछ संकेत देखे जा सकते हैं, जिनके आधार पर रोग का पता लगाया जा सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में जानते हैं।
लगातार खांसी की दिक्कत बने रहना
लगातार खांसी बने रहने की दिक्कत वैसे तो कई कारणों से हो सकती है, कैंसर भी उनमें से एक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दी या फ्लू के कारण भी खांसी हो सकती है हालांकि यह दस दिनों से अधिक नहीं रहती है। फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित लोगों में खांसी लगातार बनी रह सकती है। स्वाभाविक रूप से खांसी, बाहरी कणों को आपके वायुमार्ग और फेफड़ों में प्रवेश करने से रोकने का एक तरीका है, लेकिन लंबे समय तक खांसी रहना फेफड़ों के कैंसर का सबसे प्रमुख संकेत होता है। कुछ लोगों को खांसी के साथ खून आने की भी दिक्कत हो सकती है।
वजन का लगातार कम होते रहना
कैंसर के रोगियों में लगातार वजन कम होने की समस्या सबसे आम है। कम अवधि के भीतर बिना किसी प्रयास के 4 किलो या उससे अधिक वजन का कम होना अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि के कारण भी भूख में कमी और शरीर के वजन में कमी हो सकती है। कैंसर से पीड़ित होने पर आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से उत्पन्न ऊर्जा का उपभोग कैंसर कोशिकाएं अपने विकास के लिए करने लगती हैं जिससे कि थकान और वजन कम होता है। वजन का कम होते रहना कैंसर का महत्वपूर्ण संकेत है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
सांस लेने में दिक्कत महसूस होना
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक फेफड़ों के कैंसर के कारण आपको सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है। जब कैंसर कोशिकाएं फेफड़ों में तेजी से बढ़ना शुरू कर देती हैं, तो वे वायुमार्ग को अवरुद्ध या उन्हें संकीर्ण कर देती हैं, जिससे फेफड़ों में हवा का प्रवाह कम हो जाता है। इन स्थितियों में सांस लेने में समस्या हो सकती है। वैसे कई अन्य स्थितियों में भी सांस न आने की दिक्कत महसूस हो सकती है पर अगर आपको लंबे समय से इस तरह की दिक्कत बनी हुई है तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
शरीर में दर्द बने रहना
शरीर में लगातार लंबे समय से दर्द बने रहने की समस्या को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। फेफड़े के कैंसर से पीड़ित लोगों को विशेष रूप से छाती, कंधों या पीठ में दर्द हो सकता है। यदि आपको भी छाती में लगातार दर्द की समस्या महसूस होती रहती है तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। यह फेफड़े के कैंसर का भी संकेत हो सकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved