डेस्क: इस बार शरद पूर्णिमा के दिन साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है. आश्विन पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा होती है. इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर दिन शनिवार को है. शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी और गोपियों के संग शरद पूर्णिमा की रात महारास रचाया था. शरद पूर्णिमा को व्रत रखकर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करते हैं.
सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं. इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा होती है. धन और वैभव की प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी से जुड़े ज्योतिष उपाय किए हैं, लेकिन चंद्र ग्रहण के सूतक काल के कारण रात में चंद्रमा और लक्ष्मी पूजा कैसे करेंगे?
कब से कब तक है शरद पूर्णिमा 2023?
पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा की तिथि 28 अक्टूबर को 04 बजकर 17 एएम पर शुरू होगी और यह 29 अक्टूबर को 01 बजकर 53 एएम तक रहेगी. शरद पूर्णिमा को शाम 05 बजकर 20 मिनट पर चंद्रोदय होगा.
कब लगेगा साल का अंतिम चंद्र ग्रहण 2023?
इस साल शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण देर रात 01 बजकर 06 एएम पर लगेगा और चंद्र ग्रहण का समापन 29 अक्टूबर को 02 बजकर 22 एएम पर होना है. इसका सूतक काल 28 अक्टूबर को दोपहर 02:52 बजे से लग जाएगा. सूतक काल में पूजा और ज्योतिष उपाय नहीं किए जा सकते हैं.
शरद पूर्णिमा 2023 चंद्रमा और लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त?
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 02:52 बजे से लग रहा है, ऐसे में रात के समय न तो लक्ष्मी पूजा होगी और न चंद्रमा को अर्घ्य दे पाएंगे. इस स्थिति में ज्योतिषाचार्य का कहना है कि आप शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा और चंद्रमा पूजन या तो सूतक काल से पूर्व करें या फिर चंद्र ग्रहण के समापन के बाद करें.
हालांकि ग्रहण के बाद चंद्रमा और लक्ष्मी पूजा करना सही रहेगा. रात्रि में आपको शरद पूर्णिमा का चंद्रमा प्राप्त हो जाएगा. उसके अलावा शरद पूर्णिमा पर रात्रि के समय में ही माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और पूछती हैं कि कौन जा रहा है, इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा कहते हैं. इस बार आप शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा चंद्र ग्रहण के बाद करें. उस समय ही शरद पूर्णिमा के ज्योतिष उपाय भी कर लें.
5 शुभ योग मे शरद पूर्णिमा 2023
इस साल शरद पूर्णिमा 5 शुभ योग में है. शरद पूर्णिमा के दिन सौभाग्य योग, सिद्धि योग, बुधादित्य योग, गजकेसरी योग और शश योग का निर्माण हो रहा है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved